गोरखपुर में एक हजार मकानों के ध्‍वस्‍त होने का खतरा टला, 10 करोड़ रुपये वसूलकर इन्‍हें न‍ियम‍ित करेगा जीडीए

गोरखपुर एयरफोर्स स्टेशन के आसपास नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा 900 मीटर से घटाकर 100 मीटर किए जाने के बाद 100 मीटर दायरे के बाहर बसी कालोनियों में बने मकानों को नियमित करने की कवायद शुरू हो गई है। जीडीए यहां एक हजार मकानों को नियमित करने जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:02 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:02 AM (IST)
गोरखपुर में एक हजार मकानों के ध्‍वस्‍त होने का खतरा टला, 10 करोड़ रुपये वसूलकर इन्‍हें न‍ियम‍ित करेगा जीडीए
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) का कार्यालय। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एयरफोर्स स्टेशन के आसपास नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा 900 मीटर से घटाकर 100 मीटर किए जाने के बाद 100 मीटर दायरे के बाहर बसी कालोनियों में बने मकानों को नियमित करने की कवायद शुरू हो गई है। सैनिक विहार कालोनी के दो लोगों के शमन मानचित्र पास किए जा चुके हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) शमन मानचित्र के जरिए करीब एक हजार मकानों को नियमित करने जा रहा है। इससे प्राधिकरण को 10 करोड़ रुपये से अधिक की आय होगी।

एयरफोर्स स्टेशन के आसपास नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा घटाने के बाद शुरू हुई कवायद

नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा घटाने के बाद प्राधिकरण ने नंदानगर क्षेत्र की कालोनियों में मुनादी कराकर लोगों से निर्माण वैध कराने की अपील की थी। इसके लिए दो बार शिविर भी आयोजित किया गया था। इसके बाद सैनिक सहकारी आवास समिति लिमिटेड द्वारा विकसित कालोनी सैनिक विहार निवासी विश्वदीपक त्रिपाठी एवं सतीश चंद्र शुक्ल ने मानचित्र पास कराया है। दोनों मानचित्रों से जीडीए को 2.60 लाख रुपये से अधिक की आय हुई है।

जीडीए के अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी व उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने पत्र लिखकर दोनों आवेदकों की इस पहल के लिए प्रशंसा की है। प्राधिकरण की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। 24 सितंबर के बाद उस क्षेत्र में आने वाली कालोनियों में शिविर लगाकर लोगों के मानचित्र पास किए जाएंगे। इसकी तैयारी चल रही है।

एयरफोर्स स्टेशन के आसपास अनधिकृत निर्माण हुए हैं। नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा 900 मीटर से घटकर 100 मीटर रह गया है। ऐसी स्थिति में 100 मीटर के दायरे के बाहर जिनके निर्माण होंगे, वे शमन मानचित्र पास करा सकते हैं। दो लोगों ने पहल करते हुए मानचित्र पास कराया है। अधिक से अधिक मानचित्र पास करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी भी गठित की गई है। करीब एक हजार निर्माण नियमित करने की योजना है। - प्रेम रंजन सिंह, उपाध्यक्ष, जीडीए।

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