पिड़रा-भुसउल तटबंध पर मंडरा रहा खतरा, एक तरह हो रही पिचिंग, दूसरी तरफ नदी कर रही कटान Gorakhpur News
रुद्रपुर क्षेत्र का अतिसंवेदनशील तटबंध पिड़रा -भुसउल पर बचाव की तैयारियां अभी पूरी नहीं की गई हैं। नदी गांव की तरफ करीब तीन सौ मीटर तक कटान कर चुकी है। विभाग एक तरफ बोल्डर पिचिंग कराता है तो नदी का दबाव दूसरी तरफ बढ़ जाता है।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले में रुद्रपुर क्षेत्र का अतिसंवेदनशील तटबंध पिड़रा -भुसउल पर बचाव की तैयारियां अभी पूरी नहीं की गई हैं। नदी गांव की तरफ करीब तीन सौ मीटर तक कटान कर चुकी है। विभाग एक तरफ बोल्डर पिचिंग कराता है तो नदी का दबाव दूसरी तरफ बढ़ जाता है।
जलस्तर बढ़ने पर नदी के बाएं तट पर रहता है अधिक दबाव
गोर्रा का जलस्तर बढ़ने पर नदी के बाएं तट पर 5 .1 किमी पर नदी का दबाव अधिक रहता है। इसके अलावा आगे पिड़री गांव के समीप 3.8 किमी लंबाई में भी इसका दबाव अधिक बना रहता है। पिड़रा भुसउल गांव के समीप पिछले वर्ष जलस्तर कम होने के बाद कटान को भरने का काम अभी तक नहीं हो सका है। इस समय बाएं तट पर 1 .350 किमी से 1.490 किमी के मध्य और ग्राम भुसउल के समीप 3.500 किमी से 3.710 किमी ग्राम पिड़री के समीप करीब 581.44 लाख की लागत से काम चल रहा है। मानसून आने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। अभी तक बाढ़ निरोधात्मक काम आधा भी पूरा नहीं हो सका है, जिससे बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बंधे की मरम्मत कार्य में नदी के किनारे से ही मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। 1998 में प्रलयकारी बाढ़ के समय बेलवा जमींदारी बांध टूटने के बाद भुसउल पिड़रा तटबंध टूट गया था, जिससे रुद्रपुर के बांगर इलाके में पानी पहुंच गया था।
ग्रामीणों की सुनिए
संतोष कुमार, रामसेवक प्रसाद, प्रदीप कुमार, रवींद्र कुमार सिंह, भीमसेन कुमार आदि कहते हैं कि तटबंध का मरम्मत कराया जाना आवश्यक है। नदी के जलस्तर का दबाव से गांव की तरफ खतरा बना रहता है।
तटबंध से प्रभावित गांव
पिड़री, जंगल भुसउल, मांगाकोडर
मानसून आने से पहले पूरा करा लिया जाएगा काम
बाढ़ विभाग देवरिया के अवर अभियंता केपी त्रिपाठी तटबंध का मरम्मत का काम तेजी के साथ चल रहा है, इसके लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाई गई है। एप्रन लगाया जा रहा है। मानसून आने के पहले काम पूरा करा लिया जाएगा।