इन सब्जियों की खेती से होंगे मालामाल, जानें- कब होती है इसकी बोआई Gorakhpur News

अप्रैल और मई माह की गर्मी मूंग तथा उड़द जैसी दलहनी फसलों की खेती अच्‍छी पैदावार के लिए उपयुक्त होती है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. एसके तोमर के अनुसार सब्जी की खेती करने के लिए किसानों को खेत की ठीक से तैयारी करनी चाहिए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 02:15 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 02:15 PM (IST)
इन सब्जियों की खेती से होंगे मालामाल, जानें- कब होती है इसकी बोआई Gorakhpur News
हरी सब्जियों की खेती से किसान मालामाल हो सकते हैं। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। रबी सीजन की फसल अधिकतर किसान भाई काट चुके हैं। खेत खाली हैं। धान की बुवाई से पहले किसान भाई सब्जियों को मूंग तथा उड़द जैसी दलहनी फसलों की खेती कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। अप्रैल और मई माह की गर्मी इन फसलों की अच्‍छी पैदावार के लिए उपयुक्त होती है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. एसके तोमर बताते हैं कि सब्जी की खेती करने के लिए किसानों को खेत की ठीक से तैयारी करनी चाहिए। अ'छी पैदावार के लिए सही समय पर सिंचाई व दवा का छिड़काव करना चाहिए।

लौकी की खेती

लौकी की खेती के लिए गर्मी का सीजन काफी उपयुक्त होता है। बीज जमने के लिए 30 डिग्री से लेकर 35 डिग्री फारेनहाईट तक का तापमान चाहिए। पौधों की बढ़वार के लिए 32 डिग्री से लेकर 38 डिग्री फारेनहाईट तापमान अ'छा होता है। इसकी बुवाई के लिए दोमट मिट्टी का चयन करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए के मिट्टी अमलीय या क्षारीय न हो। पूसा संतुष्टि, पूसा संदेश, पूसा नवीन, पूसा समृद्धि आदि लौकी की उन्नत प्रजातियां हैं।

बैगन की खेती

मैदान इलाके में बैगन सब्जी की मुख्य फसल है। यह पूरे वर्ष फल देता है। सामान्यत: बैगन की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है, लेकिन लिए दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती है। पूसा ए-4, परभनी क्रांति, पंजाब-7, अर्का अनामिका आदि बैंगन की उन्नत प्रजातियां हैं।

मूंग की खेती

इसकी खेती किसान भाइयों के लिए रबी और खरीफ के मध्य खेत खाली रहने पर अतिरिक्त आय बढ़ाने वाली होती है। इसके साथ ही खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। अ'छी पैदावार के लिए किसान भाइयों को उन्नत प्रजाति के बीज का ही उपयोग करना चाहिए। आइपीएम - 2 व 3, सत्या, के-851, पूसा बैसाखी, एसएमएल-668, एस-8 आदि प्रजाति के बीच बेहतर होता है।

उड़द की खेती

उड़द का उपयोग कई तरह की मिठाईयां बनाने के साथ ही पकवान बनाने में भी होता है। किसान भाइयों को अम्लीय या क्षारीय भूमि में इसकी खेती करनी चाहिए। दोमट मिट्टी वाला खेत सबसे उपयुक्त होता है। टाइप-9, पंत उड़द-19, पंत उड़द-26 व 30 आदि प्रजाति की बुवाई उपयुक्त होती है।

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