गुंडा एक्ट लगे या न लगे पर जिला बदर की कार्रवाई जरूर होगी Gorakhpur News

यूपी में अपराधियों को जिला बदर करने का नियम बदल गया है। अब बिना किसी गंभीर धारा के ही थानेदार की रिपोर्ट पर जिला बदर की कार्रवाई होगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 03:00 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 09:43 PM (IST)
गुंडा एक्ट लगे या न लगे पर जिला बदर की कार्रवाई जरूर होगी Gorakhpur News
गुंडा एक्ट लगे या न लगे पर जिला बदर की कार्रवाई जरूर होगी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। किसी बदमाश को जिला बदर करने के लिए उसके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होना अब जरूरी नहीं होगा। किसी खास इलाके में दहशत फैलाने और आर्थिक लाभ लेने वाले बदमाशों को भी अब जिला बदर किया जा सकेगा। थानेदार की रिपोर्ट के आधार पर ऐसे बदमाशों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शासन ने बदमाशों को जिला बदर करने की प्रक्रिया में व्यापक बदलाव किया है।

पहले जरूरी थी गुंडा एक्ट की कार्रवाई

पहले बदमाशों को जिला बदर करने के लिए उनके विरुद्ध गुंडा एक्ट की कार्रवाई होनी जरूरी होती थी। किसी खास इलाके में लगातार अपराध करने और आतंक फैलाने वाले बदमाशों के विरुद्ध गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाती है। इसकी प्रक्रिया काफी लंबी होती है। गुंडा एक्ट की कार्रवाई होने के बाद बदमाश को जिला बदर करने की प्रक्रिया शुरू होती है। जिलाधिकारी से बदमाश को जिला बदर करने की संस्तुति मिलने के बाद बदमाश को पड़ोसी जिले के सदर कोतवाली थाने की पुलिस के सुपुर्द कर दिया जाता था।

किसी भी अपराधी को कभी भी किया जा सकता है जिला बदर

हाल के दिनों में प्रदेश में हुई कुछ संगीन वारदातों के बाद यह यह तथ्य सामने आया कि कई बदमाश, अपराध में सक्रिय तो हैं, लेकिन राजनीतिक परिस्थितियों या फिर अन्य कारणों से उनके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में उनके विरुद्ध न तो गुंडा एक्ट की कार्रवाई हो पाती थी और न ही जिला बदर की। इसीलिए जिला बदर की प्रक्रिया में बदलाव करते हुए शासन ने जिला बदर के लिए गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने या गुंडा एक्ट की कार्रवाई होने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब, लोगों के लिए आतंक का पर्याय बने किसी भी बदमाश को जिला बदर किया जा सकेगा। एसएसपी डा. सुनील गुप्त ने कहा कि शासन के दिशा-निर्देश  के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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