पति-पत्नी की तरह रह रहे युगल की फावड़े से काटकर हत्या Gorakhpur News
गोरखपुर में प्रेमी युगल की फावड़े से काटकर हत्या कर दी गई। दोनों एक सार से पति पत्नी के रूप में रह रहे थे।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के गुलरिहा इलाके ठाकुरपुर नंबर एक, गड़हिया टोले में आबादी से थोड़ी दूरी पर टिनशेड में रह रहे अनरजीत गुप्त (40) और रीमा गौड़ (35) की मंगलवार की रात फावड़े से काटकर मौत के घाट उतार दिया गया। रीमा के परिवार और गांव के लोगों बुधवार को नौ बजे के बाद घटना के बारे में पता चला। फिलहाल हत्या की वजह नहीं पता चल पाई है। अनजीत और रीमा की शादी नहीं हुई थी, लेकिन करीब एक साल से गांव के बाहर टिनशेड कर घर बनाकर वे पति-पत्नी की तरह रह रहे थे।
तीन साल से गांव के बाहर झोपड़ी डालकर पति-पत्नी की तरह रहे थे दोनों
रीमा, ठाकुरपुर नंबर एक के ही गड़हिया टोला निवासी रामरक्षा गौड़ की बेटी है। अनरजीत गुप्त गुलरिहा इलाके में ही स्थित जैनपुर, टोला मोहम्मद बरवा का रहने वाला था। बुधवार को नौ बजे के आसपास खेती-बारी के काम से निकले रीमा के चाचा बैजनाथ घूमते हुए उसके घर पहुंचे तो कमरे में खून से डूबा दोनों का शव दिखाई दिया। बगल में फावड़ा पड़ा हुआ था। उसी से प्रहार कर दोनों को मौत के घाट उतारा गया था। अनरजीत के सिर में और रीमा के गले में गहरी चोट है।
रीमा और अनरजीत का शव देखकर घबराए बैजनाथ भाग कर घर पहुंचे और घटना की जानकारी रीमा के पिता और भाई को दी। बाद में गांव के लोगों को इस बारे में पता चला। ग्रामीणों ने ही इसकी सूचना पुलिस को दी। फोरेंसिक टीम और डाग स्क्वाड के साथ मौके पर पहुंची गुलरिहा थाने की पुलिस घटना की छानबीन में जुटी है। रीमा और अनरजीत के परिजनों ने उनका किसी से भी कोई विवाद होने से इन्कार किया है।
हत्या की वजह पता नहीं, पहले से शादीशुदा थे दोनो
अनरजीत पहले से शादीशुदा है। उसके दो बच्चे भी हैं। पत्नी संगीता दोनों बेटों सूरज (14) और आकाश (11) के साथ ससुराल में रहती है। अनरजीत उससे मिलने जाता रहता था। रीमा की दो बार शादी हुई थी। पहली शादी महराजगंज जिले में बेलवा गांव निवासी रविंद्र गौड़ के साथ हुई थी। शादी 15 दिन बाद ही रविंद्र की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। गुलरिहा क्षेत्र के जंगल डुमरी नंबर दो निवासी राजेंद्र गौड़ से उसकी दूसरी शादी हुई, लेकिन पति के देसी शराब का आदी होने की वजह से रीमा उसे छोड़कर मायके चली आई। राजेंद्र गौड़ के साथ रहने के दौरान ही वह अनरजीत के संपर्क में आई थी। एक साल पहले अनरजीत ने रीमा के मायके में ही गांव से थोड़ी दूर चिलुआ तला के किनारे जमीन खरीद कर टिनशेड डाल लिया था। उनके साथ रहने पर दोनों के परिवार वालों को आपत्ति नहीं थी।