Gorakhpur Gram Panchayat Result 2021: कोरोना संक्रमण से हो गई थी प्रत्याशी की मौत, परिणाम आया ऐसा कि फफक पड़े स्वजन
Gorakhpur Gram Panchayat Result 2021 गोरखपुर में देर रात तक करीब 350 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के परिणाम आ चुके थे। इस बीच गोरखपुर में मौत के बाद प्रधान पद के एक प्रत्याशी को विजयी घोषित किया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। Gorakhpur Gram Panchayat Result 2021: गोरखपुर के बड़हलगंज क्षेत्र के ग्राम पंचायत जैतपुर के ग्राम प्रधान प्रत्याशी पवन साहनी कोरोना से जिंदगी की जंग 22 अप्रैल को हार गए थे। रविवार को परिणाम की घोषणा हुई तो उनको 139 मत मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी अवनीश को 74 मत मिले हैं। परिणाम की जानकारी मिलते ही स्वजन फफक पड़े। चुनाव में प्रचार के दौरान ही पवन संक्रमित हो गए थे।
मौत के बाद प्रतिद्वंदी को 6 मतों से हराया
इसे हाथ की लकीरों का खेल कहें या भाग्य में राजयोग का ना होना। महज 28 वर्ष के युवक ने बीडीसी पद पर चुनाव में तो जीत दर्ज कर ली लेकिन कोरोना से लड़ाई में वह जिंदगी की जंग हार गया। यदि वह 6 दिन और जीवित रहता है तो अपने प्रतिद्वंदी से खुद को 6 वोट से विजई पाता। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि खोराबार क्षेत्र के गहिरा गांव से वार्ड नंबर 68 की एक परिवार की दुख भरी दास्तां है। इस परिवार में चार भाइयों में सबसे छोटे रंजीत कुमार चौबे उर्फ सिंटू ने बीडीसी का पर्चा भरा था।
सिंटू ने चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया और जनता ने भी उसे अपना भरपूर आशीर्वाद दिया। नतीजा रहा कि सोमवार को हुई मतगणना में रंजीत चौबे को 205 मतों से विजय हासिल हुई। उसने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी संजय कुमार को 6 मतों से पराजित कर दिया, लेकिन दुर्भाग्य कि अपनी विजय देखने के 6 दिन पहले ही कोरोना से जिंदगी की जंग हार गया। रंजीत के दो बड़े भाई विदेश में रहकर जीविकोपार्जन करते हैं, जबकि एक एक और बड़ा भाई मुंबई में रहता है। चुनाव के दौरान रंजीत का हाथ बटाने के लिए उसका एक भाई भी विदेश से उतर आया था। कोरोना से भाई की मौत के बाद विदेश से आए भाई ने राजघाट पर उसका दाह संस्कार किया।
चुनाव से एक दिन पहले प्रत्याशी को मारी गोली, मौत के बाद मिली जीत
गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र के महुआडाबर चौकी अंतर्गत ग्रामसभा मिश्रौलिया के पूर्व प्रधान व राघवेंद्र उर्फ गिलगिल दूबे भी ग्राम प्रधान का चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 300 मतों से शिकस्त दी है। उनकी बीते 19 अप्रैल को लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह वर्ष 2005 से 2015 तक ग्राम प्रधान रहे हैं।
14 अप्रैल को मारी गई थी गोली
बता दें चुनावी रंजिश को लेकर बीते 14 अप्रैल को ग्रामसभा के एक अन्य प्रधान प्रत्याशी शंभू यादव ने राघवेंद्र उर्फ गिलगिल दूबे को गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस उसे व उसके दो समर्थकों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। बीते 14 अप्रैल की रात करीब दस बजे वोट मांगने को लेकर 50 वर्षीय राघवेंद्र दुबे उर्फ गिलगिल व शंभू यादव के बीच में विवाद हुआ था। शंभू ने अपने समर्थकों के साथ राघवेंद्र दुबे को गोली मार दी थी। गोली उनके पेट में दाईं तरफ लगी थी। बाद उन्हें इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने उनकी स्थिति गंभीर देख उन्हें मेडिकल कालेज रेफर कर दिया था।
19 अप्रैल को हुई मौत
16 अप्रैल को उन्हें इलाज के लिए केजीएमयू लखनऊ ले जाया गया। 17 अप्रैल को उनका केजीएमयू में आपरेशन हुआ था। बीते 19 अप्रैल को केजीएयू में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत को लेकर गांव में सन्नाटा पसर गया था। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस चौकी घेर लिया था। जांच के दौरान सभी पुलिस कर्मियों की लापरवाही उजागर हुई तो एसएसपी ने पूरी पुलिस चौकी को सस्पेंड कर दिया था। बता दें घटना के दिन ही शंभू यादव को हिरासत में ले लिया था, लेकिन उसे चार दिन बाद जेल भेजा है। गिलगिल दूबे के स्वजन पुलिस की भूमिका पर सवाल भी उठाने लगे थे। हालांकि पुलिस ने बताया कि घटना में प्रयुक्त असलहा बरामद करने के लिए वह शंभू से पूछताछ में जुटी थी।
तीसरे शिफ्ट में नहीं आए मतगणना कर्मी, सफाई कर्मियों से कराई जा रही मतगणना
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान की तरह मतगणना भी निर्धारित समय में पूरी नहीं हो पाई है। जिसके चलते तीसरे चरण में मतगणना जारी है। कई ब्लाकों में तीसरे शिफ्ट में मतगणना कर्मी नहीं आए जिसके चलते सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाकर किसी तरह मतगणना संपन्न कराई जा रही है। गोला में गिनती लगभग पूरी हो चुकी है। अधिकतर ब्लाकों में सुबह नौ बजे तक 20 से 40 फीसद गांवों की मतगणना बाकी थी। इस समय तक जिले में 1294 में से 929 ग्राम प्रधानों के निर्वाचन की घोषणा हो सकी थी। 1700 में से 1023 बीडीसी सदस्यों जबकि 16372 में से 3234 ग्राम पंचायत सदस्यों के परिणाम घोषित किए गए थे। जिला पंचायत सदस्य के किसी वार्ड का परिणाम घोषित नहीं हो पाया था।
नहीं आए मतगणना कर्मी
प्रशासन का अनुमान था कि दो शिफ्टों में मतगणना पूरी हो जाएगी। पर, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आए। पहली शिफ्ट में मतगणना करने वाले कर्मियों को जरूरत पड़ने पर तीसरे शिफ्ट में भी ड्यूटी करनी थी। यही कारण था कि उनका मानदेय रोक दिया गया था। पर, कर्मचारियों के हंगामा करने के बाद मानदेय दिया गया। कैंपियरगंज एवं कुछ अन्य ब्लाकों पर स्थिति काफी खराब हो गई थी। सुबह अपनी ड्यूटी पूरी कर दूसरी शिफ्ट के कर्मचारी भी चले गए। पहली शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारी नहीं आए। स्थिति यह हो गई कि मतगणना पर्यवेक्षक भी नहीं थे। सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाकर मतगणना कराने की कोशिश की गई लेकिन कई स्थानों पर प्रत्याशियों ने यह कहते हुए विरोध कर दिया कि सफाई कर्मी स्थानीय हैं, इसलिए उनसे गिनती न कराई जाए। यही कारण है कि मतों की गिनती काफी सुस्त है और जिला पंचायत के किसी वार्ड का परिणाम घोषित नहीं हो पाया है। जिला पंचायत सदस्य चुनाव के रिटर्निंग आफिसर सुनील कुमार ने बताया कि अभी गिनती जारी है, किसी वार्ड का परिणाम घोषित नहीं हुआ है।
साधना सिंह की बढ़त कायम
पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की बहू एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह जिला पंचायत वार्ड नंबर 19 से बढ़त बनाए हुए हैं। हालांकि कुछ गांवों की गिनती न होने के कारण परिणाम नहीं आ सका है। इसी तरह भाजपा के जिला उपाध्यक्ष मनोज शुक्ला, निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य मायाशंकर शुक्ला व कुछ अन्य भाजपा समर्थित प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं। कई वार्डों में भाजपा प्रत्याशी पीछे भी चल रहे हैं।
दो प्रत्याशियों को मिले बराबर मत, फिर से होगी मतगणना
गोरखपुर के पिपरौली ब्लाक के ग्राम सभा बनौड़ा में दो प्रत्याशियों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है। दो उम्मीदवारों को बराबर मत मिल जाने के कारण परिणाम को फिलहाल रोक दिया गया है। मौके पर एसडीएम के पहुंचने पर फिर से दोबारा मतगणना शुरू की जाएगी।
पिपरौली ब्लाक के ग्राम सभा बनौड़ा पिछड़ी महिला के लिए आरक्षित है। रविवार की देर रात को गांव की मतगणना शुरू हुई। इंद्रावती देवी को 402 व बिंद्रावती देवी को 401 एक मत प्राप्त हुआ है। एक वोट पर मुहर की स्याही दो चुनाव चिन्हों पर लगने का कारण एक पक्ष ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई, जिसके बाद रिटर्निंग अफसर ने उक्त वोट को इनवैलिड घोषित कर दिया। एक मत अवैध होने के बाद बिंद्रावती व इंद्रावती का मत बराबर हो गया, जिससे परिणाम टाई हो गया। हार-जीत का फैसला नहीं होने पर हंगामा होने लगा। आरओ ने प्रकरण की सूचना एसडीएम को दिया, जिसपर एसडीएम ने खुद की निगरानी में फिर से मतगणना कराने का निर्णय लिया। एसडीएम सुरेश राय ने कहा कि बनौड़ा में दो प्रत्याशियों का मत बराबर है, जिसकी फिर से काउंटिंग कराई जाएगी।
जिला पंचायत सदस्य का नहीं आया परिणाम
देर रात तक करीब 350 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के परिणाम आ चुके थे। बीडीसी सदस्य पद के करीब 250 परिणाम घोषित हुए थे। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए किसी वार्ड का परिणाम घोषित नहीं हुआ था। कैंपियरगंज के वार्ड नंबर 19 से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की बहू तथा विधायक फतेहबहादुर सिंह की पत्नी साधना सिंह भी आगे चल रही थीं। ग्राम प्रधान पदों पर कहीं कांटे की टक्कर रहीं तो अधिकतर पंचायतों में बड़े अंतर से जीत-हार का फैसला हुआ।
एक वोट से मिली जीत
गोला ब्लाक में तीन ग्राम पंचायतें ऐसी रहीं, जहां प्रधान पद पर दो प्रत्याशियों के वोट बराबर निकले। देर रात तक तक इन गांवों में कोई फैसला नहीं हो सका था। बेलघाट ब्लाक के छितौना गांव में सुनील सिंह को एक वोट से जीत मिली लेकिन प्रतिद्वंद्वी री काउंटिंग पर अड़े थे। यहां भी प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया जा सका था। जंगल कौड़िया के काजीपुर गांव में ज्ञानप्रकाश ने नौ वोटों से जीत हासिल की। इसी तरह उरुवा ब्लाक के एक गांव में तीन वोटों से जीत-हार का फैसला हुआ।
कई ऐसी ग्राम पंचायतें रहीं, जहां जीत का अंतर 200 मतों से अधिक रहा। मतगणना के दौरान कौड़ीराम ब्लाक के ग्राम पंचायत मलाव में एक रोचक मामला सामने आया। यहां एक पत्र मतपेटिका से मिला। जिसपर ग्राम प्रधानों पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से गांव को नगर पंचायत बनाने की अपील की गई थी।
भिड़े दो पक्ष
सरदारनगर में जिला पंचायत सदस्य पद की मतगणना के दौरान दो पक्षों में कहासुनी भी हुई। मतगणना स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। ब्लाक पर अनावश्यक दिखाई देने वाले लोगों को घर भेज दिया गया। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन, एसएसपी दिनेश कुमार पी, जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर आदि अधिकारियों ने विभिन्न मतगणना स्थलों का निरीक्षण किया।