New strain of coronavirus: पकड़ में नहीं आ सका उत्पात मचाने वाला कोरोना का नया स्ट्रेन, चुपके से जाने की तैयारी में
कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए चार माह में 100 नमूने जांच के लिए देश के विभिन्न संस्थानों में भेजे गए हैं। ताकि यह पता चल सके कि कोरोना के किस स्ट्रेन ने जिले के लोगों को संक्रमित कर तबाही मचाई थी।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के किस स्ट्रेन ने जिले के लोगों को संक्रमित कर तबाही मचाई थी, इसका पता अभी तक नहीं चल सका है। स्ट्रेन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए चार माह में 100 नमूने जांच के लिए देश के विभिन्न संस्थानों में भेजे गए, लेकिन अभी तक किसी की रिपोर्ट नहीं आ सकी है। इस माह फिर 15 नमूने भेजने की तैयारी चल रही है।
नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए भेजे गए नमूने
बाबा राघव दास मेडिकल कालेज (बीआरडी) के माइक्रोबायोलाजी विभाग ने पांच बार व क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) ने तीन बार नमूने भेजे हैं। माइक्रोबायोलाजी विभाग ने पहली व दूसरी बार मार्च में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ में चार नमूने भेजे थे। वहां से नमूनों के खराब होने की सूचना आ गई। इसके बाद तीन बार नमूने दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) में भेजे गए। इसके अलावा आरएमआरसी तीन बार नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआवी), पुणे में नमूने भेज चुका। ताकि पता चल सके कि कौन सा स्ट्रेन जिले में आया है और समय रहते उसकी रोकथाम हो सके। दबे पांव आया कोरोना उत्पात मचाकर जाने की तैयारी में है, लेकिन अभी तक दोनों संस्थान जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
पुन: भेजे जाएंगे 15 नमूने
बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग से गुरुवार को 15 नमूने भेजे जाएंगे। नमूने तैयार कर लिए गए हैं। उनकी पैङ्क्षकग हो गई हैं। विभागाध्यक्ष डा. अमरेश ङ्क्षसह ने बताया कि गुरुवार को दोपहर बाद नमूने भेज दिए जाएंगे।
भेजे गए 25 से कम सीटी वैल्यू के नमूने
कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए जिन मरीजों के नमूने भेजे गए हैं, उनकी रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) जांच की सीटी वैल्यू 25 या उससे कम रही है। जिन मरीजों की सीटी वैल्यू 25 से नीचे होती, उनमें वायरस लोड अधिक होता है।
बीआरडी से भेजे गए नमूने
बीआरडी मेडिकल कालेज से मार्च में 04, अप्रैल में 09, मई में 22 और जून में 15 नमूने भेजे गए हैं। वहीं आरएमआरसी की तरफ से मार्च में 05, अप्रैल में 15 और मई में 30 नमूने भेजे गए हैं।
बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अमरेश सिंह का कहना है कि केजीएमयू से तो नमूनों के खराब होने की सूचना आ गई थी। लेकिन आइजीआइबी से जब पूछा जा रहा है तो काम के दबाव होने की बात कही जा रही है। उम्मीद है कि शीघ्र ही जांच रिपोर्ट आ जाएगी। आरएमआरसी में वायरोलाजिस्ट डा. हीरावती का कहना है कि एनआइवी, पुणे में नमूनों की जांच शुरू हो गई है। इसके बाद उसका अध्ययन किया जाएगा। अध्ययन के बाद ही वहां से रिपोर्ट आएगी। इसे आने में 15 से 20 दिन का समय लग सकता है।