पुरानी किट से पकड़ में नहीं आ रहा कोरोना वायरस, अगले महीने आएगी आरटीपीसीआर की नई किट

BRD Medical College में आरटी-पीसीआर जांच में अभी कोरोना की पुरानी किट का इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की पहली लहर के मुकाबले वायरस की संरचना में बदलाव हो गया है। ऐसे में पुरानी किट जांच में इतना कारगर नहीं हो पा रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 09:54 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 09:54 AM (IST)
पुरानी किट से पकड़ में नहीं आ रहा कोरोना वायरस, अगले महीने आएगी आरटीपीसीआर की नई किट
कोरोना की पुरानी किट से जांच सही नहीं आ रही है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना का नया स्ट्रेन अब जांच को गच्चा नहीं दे पाएगा। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में कोरोना की जांच के लिए मई के अगले सप्ताह में किट आ जाएगी। इससे माइक्रोबायोलाजी विभाग में आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट ज्यादा अच्छी मिलने लगेगी।

पुरानी किट से हो रही जांच

आरटी-पीसीआर जांच में अभी कोरोना की पहली लहर के समय आयी किट का इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की पहली लहर के मुकाबले वायरस की संरचना में बदलाव हो गया है। ऐसे में पुरानी किट जांच में इतना कारगर नहीं हो पा रही है। माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष डा. अमरेश सिंह ने बताया कि वायरस का स्ट्रेन बदला है। पुराने किट से पहली लहर में तेजी से वायरस पकड़ में आते थे। अब भी वायरस पकड़ में आ रहे हैं लेकिन नए किट से ज्यादा सहूलियत होगी। उम्मीद है कि मई के पहले सप्ताह में आरटी-पीसीआर की नई किट से जांच शुरू हो जाएगी।

एंटीजन किट खत्म, कोविड कमांड सेंटर में ही जांच

कोरोना की जांच की एंटीजन किट समाप्त हो गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किट खत्म होने से जांच ठप हो गई है। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में रखी एंटीजन किट से जांच हो रही है। बुधवार को वहां भी किट समाप्त हो सकती है। जिला अस्पताल के बगल में बने कोविड कमांड सेंटर में ही एंटीजन किट से जांच हो पा रही है। यह स्थिति पिछले 48 घंटे से है। ऐसे में कोविड जांच सेंटर पर सुबह से लेकर देर रात तक जबरदस्त भीड़ हो जा रही है। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि एक से दो दिन में एंटीजन किट पर्याप्त मात्रा में मिल जाएगी।

अधिकारियों की निगरानी में होगी आक्सीजन की आपूर्ति

कोरोना संक्रमित मरीजों को आक्सीजन की आपूर्ति बेहतर तरीके से हो सके, इसके लिए जिला प्रशासन उद्यमियों के साथ मिलकर कदम बढ़ा रहा है। आक्सीजन का उत्पादन करने वाले उद्यमी प्रवीण मोदी की ओर से इस बात की शिकायत की गई थी कि कुछ लोग गोदाम पर पहुंचकर अनावश्यक विवाद कर रहे हैं। इसके बाद जिलाधिकारी ने गीडा की तीनों इकाइयों के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। ये अधिकारी इन इकाइयों की ओर से सुचारू आपूर्ति में सहयोग करेंगे और उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में तीनों अधिकारी काम करेंगे और इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भी जाएगी।

जिलाधिकारी की ओर से मोदी केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड नार्मल से आक्सीजन की आपूर्ति की जिम्मेदारी अपर नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता को, मोदी केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर 13 गीडा से आपूर्ति की जिम्मेदारी उप जिलाधिकारी न्यायिक खजनी मनोज तिवारी को तथा आरके आक्सीजन प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर 15 गीडा से आपूर्ति की जिम्मेदारी सहजनवां के एसडीएम सुरेश राय को दी गई है। आक्सीजन की बढ़ती मांग के कारण मोदी केमिकल्स के गोदाम पर कुछ लोगों द्वारा अनावश्यक दबाव बनाने का मामला सामने आने के बाद इस तरह का निर्णय लिया गया है।

आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी पर नजर रखेंगे सिटी मजिस्ट्रेट

सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों में भर्ती काेरोना मरीजों को आक्सीजन मुहैया हो सके, इसके लिए आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी को रोकने के उपाय भी किए जा रहे हैं। आक्सीजन सिलेंडर की मांग बढ़ने के साथ बिचौलियों द्वारा कालाबाजारी करने की आशंका है। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने इस कालाबाजारी को रोकने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को निगरानी करने का निर्देश दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिदिन सीएमओ से समन्वय स्थापित कर आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराएंगे। नामित अधिकारियों से चिकित्सालयों के आक्सीजन स्टाक की जांच भी करायी जाएगी। कोई अतिरिक्त भंडारण तो नहीं कर रहा, इस बात पर भी नजर रखी जाएगी।

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