कोरोना वायरस की जांच अब दिल्‍ली के मैक्‍स हास्पिटल में, नए स्ट्रेन के बारे में मिल सकती है जानकारी

कोरोना संक्रमण के इलाज की अब तक सही दिशा नहीं मिल सकी है। किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय केजीएमयू में दो बार भेजे गए नमूने खराब होने के बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने दिल्ली के मैक्स हास्पिटल से जांच का निर्णय लिया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 11:50 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 11:50 AM (IST)
कोरोना वायरस की जांच अब दिल्‍ली के मैक्‍स हास्पिटल में, नए स्ट्रेन के बारे में मिल सकती है जानकारी
कोरोना वायरस की जांच अब होगी मैक्‍स हास्पिटल में। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : कोरोना संक्रमण के इलाज की अब तक सही दिशा नहीं मिल सकी है। किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय केजीएमयू में दो बार भेजे गए नमूने खराब होने के बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने दिल्ली के मैक्स हास्पिटल से जांच का निर्णय लिया है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में नए स्ट्रेन के बारे में जानकारी मिल जाए।

मेडिकल कालेज प्रशासन ने दिल्‍ली से जांच कराने का लिया निर्णय

घातक वायरस की जीन सीक्वेंसिंग के लिए मेडिकल कालेज से पहली बार चार संक्रमितों और दूसरी बार तीन संक्रमितों के नमूने भेजे गए थे। लेकिन बाद में बताया गया कि 15 दिन पूरा हो जाने के कारण नमूने खराब हो गए हैं। लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ने और ज्यादातर के गंभीर होने के बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने दिल्ली से जांच कराने का निर्णय लिया है। मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग से 13 मार्च को दो संक्रमितों का नमूना केजीएमयू जांच के लिए भेजा। दोनों संक्रमितों के थ्रोट स्वाब के चार नमूने भेजे गए थे। करीब 15 दिन बाद केजीएमयू प्रशासन ने सूचना दी कि दोनों नमूने खराब हो गए हैं। 27 मार्च को चार संक्रमितों के नमूने भेजे गए। 11 अप्रैल को केजीएमयू प्रशासन ने सभी नमूनों के खराब होने की सूचना दी।

की जाती है जीन मैपिंग

माइक्रोबायोलाजी के विभागाध्यक्ष डा. अमरेश सिंह ने बताया कि जीन मैपिंग कर वायरस के स्ट्रेन का पता लगाया जाता है। जांच केजीएमयू और बीएचयू में होती है। साथ ही दिल्ली में मैक्स हास्पिटल में भी जांच की सुविधा है। इस बार नमूने दिल्ली में भेजे गए हैं। एक हफ्ते में रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।

ग्राम पंचायतों में तेज हुआ कोविड 19 नियंत्रण अभियान

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जिले में मतदान समाप्त होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड 19 पर नियंत्रण का अभियान तेज हो गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय की ओर से सभी ब्लाकों को 60-60 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट उपलब्ध कराया गया है। सभी 1294 ग्राम पंचायतों में सैनिटाइजेशन तेज कर दिया गया। ब्लाकों, ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक स्थलों पर पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों द्वारा छिड़काव किया जा रहा है। सैनिटाइजेशन का खर्च ग्राम स्वच्छता निधि से वहन किया जाएगा। इसकी अनुमति शासन स्तर से भी मिल चुकी है।

chat bot
आपका साथी