Gorakhpur Coronavirus Vaccination: कहीं सीधे लग रहा टीका, कहीं पंजीकरण के लिए किया जा रहा बाध्य

गोरखपुर में टीकाकरण के लिए दो नियम बनाए गए हैं। 18 वर्ष से 44 वर्ष तक की आयु वालों को टीका लगवाने के लिए हर हाल में पंजीकरण कराना होगा लेकिन 45 से ज्यादा उम्र वालों को टीका लगवाने के लिए पंजीकरण की कोई अनिवार्यता नहीं की गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:44 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 03:47 PM (IST)
Gorakhpur Coronavirus Vaccination: कहीं सीधे लग रहा टीका, कहीं पंजीकरण के लिए किया जा रहा बाध्य
गोरखपुर में दो तरह के नियमों से कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

दुर्गेश त्रिपाठी, गोरखपुर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डेरवा टीका लगवाने पहुंचे 50 वर्षीय दिनेश ने जैसे ही अपने आधारकार्ड की फोटोकापी पंजीकरण कर रहे कर्मचारी की ओर बढ़ाई तो उसने पंजीकरण के लिए दिए गए मोबाइल नंबर के बारे में पूछा। दिनेश ने बताया कि उन्होंने पहले पंजीकरण नहीं कराया है तो कर्मचारी ने पहले पंजीकरण कराकर आने को कहा। दिनेश मायूस होकर लाइन से किनारे हो गए। किसी ने बताया कि कई बूथों पर बिना पंजीकरण भी टीका लगा जा रहा है। वहां जाकर टीका लगवा लें।

यही हाल पीएचसी भाटपार का भी था। सहजनवां सीएचसी में अधीक्षक डा. सतीश सिंह ने जब कर्मचारियों पर नाराजगी जताई तो 45 वर्ष या इससे ज्यादा वालों को बिना पूर्व पंजीकरण भी टीका लगाया जाने लगा। इससे पहले कई लोगों को पंजीकरण कराने के नाम पर वापस भेज दिया गया था। भटहट में सुबह 11 बजे तक बिना पंजीकरण 45 वर्ष या इससे ज्यादा वालों को टीका लगाया गया लेकिन इसके बाद आने वालों को पहले पंजीकरण कराने के बाद आने की बात कहकर वापस भेज दिया गया।

कहीं पंजीकरण कराने के नाम पर लौटा दिया जा रहा वापस

एक जिले में टीकाकरण के लिए दो नियम बनाए गए हैं। 18 वर्ष से 44 वर्ष तक की आयु वालों को टीका लगवाने के लिए हर हाल में पंजीकरण कराना होगा लेकिन 45 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र वालों को टीका लगवाने के लिए पंजीकरण की कोई अनिवार्यता नहीं की गई है। इसके बाद भी कई केंद्रों पर बिना पंजीकरण आने वालों को वापस लौटाया जा रहा है।

पहले आदेश फिर कर दिया गया था निरस्त

टीकों की कम संख्या के कारण प्रदेश सरकार ने 10 मई से 45 वर्ष या इससे ज्यादा आयु वालों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था। तब दूसरे डोज के लिए भी पंजीकरण कराने के लिए कहा गया था। हालांकि दो दिन बाद ही इस आदेश को वापस ले लिया गया था। अब टीकों की पर्याप्त उपलब्धता के बाद भी कई बूथों से नागरिकों को वापस किया जा रहा है।

माेबाइल फोन से पंजीकरण

जिला महिला अस्पताल में बने गए टीकाकरण बूथ पर कम्प्यूटर की व्यवस्था तो कर दी गई है लेकिन यहां इंटरनेट की सुविधा नहीं दी गई है। इस कारण कर्मचारियों को अपने मोबाइल फोन पर कोविन पोर्टल से टीका लगाने आने वालों का पंजीकरण करना पड़ रहा है। इससे काम धीमी गति से हो रहा है। प्रमुख अधीक्षक डा. माला सिन्हा ने कहा कि धीरे-धीरे व्यवस्था बनाई जा रही है।

84 दिन के चक्कर में हो रही नोकझोंक

शासन ने कोविशील्ड की दूसरी डोज अब 84 से 112 दिनों के बीच लगाने का निर्णय लिया है। बूथों पर टीका लगवाने पहुंचे कई लोगों की कर्मचारियों से नोकझोंक हुई। वह कार्ड पर लिखी गई तिथि के आधार पर टीका लगवाने की मांग कर रहे थे जबकि कर्मचारियों का कहना था कि पोर्टल पर 84 दिन से पहले दूसरा डोज नहीं फीड हो रहा है।

45 वर्ष या इससे ज्यादा आयु वर्ग वालों को पंजीकरण कराकर आने पर टीकाकरण में वरीयता दी जा रही है। इससे बूथों पर भीड़ नहीं लगेगी। जो लोग पंजीकरण कराने में सक्षम नहीं हैं उनके लिए अलग से व्यवस्था कराई जाएगी। - डा. एनके पांडेय, एडिशनल सीएमओ व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी।

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