Corona Vaccination in Gorakhpur: डाक्टरों ने लगवाया टीका फिर शुरू कर दिया मरीजों को देखने का काम
Corona Vaccination in Gorakhpur महिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डा. माला कुमारी सिन्हा ने टीका लगवाने के आधे घंटे बाद वापस अपनी जिम्मेदारी निभाना शुरू कर दिया। उन्होंने अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश भी दिए।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना का टीका लगाने के बाद आधा घंटे तक स्वास्थ्यकर्मी आब्जर्वेशन रूम में रहे, इसके बाद उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन शुरू कर दिया। डाक्टरों ने मरीजों का इलाज किया तो स्टाफ नर्स ने मरीजों की पहले की तरह देखभाल शुरू कर दी। वार्ड ब्वाय, वार्ड आया और सफाईकर्मी भी कोरोना का टीका लगाने के बाद अपने काम पर मुस्तैद दिखे।
महिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डा. माला कुमारी सिन्हा ने टीका लगवाने के आधे घंटे बाद वापस अपनी जिम्मेदारी निभाना शुरू कर दिया। उन्होंने अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश दिए।
जिला महिला अस्पताल के वरिष्ठ शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. अजय देव कुलियार ने सुबह 10:50 बजे कोरोना का टीका लगवाया। इससे पहले वह अपनी ओपीडी में 15 बच्चों का परीक्षण कर परामर्श दे चुके थे। टीका लगवाने के बाद डा. अजय ने आब्जर्वेशन कक्ष में 30 मिनट इंतजार किया और फिर वापस अपनी ओपीडी में जाकर बैठ गए। उनके आने का कुछ अभिभावक इंतजार कर रहे थे। जैसे ही वह वापस आए अभिभावकों ने अपने बच्चों का परीक्षण कराकर परामर्श लिया। डा. अजय ने कहा कि कोरोना का टीका मानवता को बचाने के लिए है। देश के विशेषज्ञों ने टीका तैयार किया है तो हमें इस पर पूरा भरोसा है। जो लोग टीका के बारे में अफवाह फैला रहे हैं वह मानवता के दुश्मन हैं। टीका लगने के बाद ही कोरोना से पूरी तरह जंग जीती जा सकती है।
मरीजों की देखभाल में फिर जुट गईं
जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स संजू कुशवाहा की प्राइवेट वार्ड में ड्यूटी है। ड्यूटी पर आने के साथ ही उन्होंने मरीजों की देखभाल शुरू कर दी। टीकाकरण के लिए उनके मोबाइल फोन में पहले ही मैसेज आ चुका था। दोपहर बाद वह टीकाकरण के लिए बूथ पर पहुंचीं। टीका लगवाने के बाद आब्जर्वेशन कक्ष में बैठीं। यहां से लौटकर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभानी शुरू कर दी। मरीजों से जुड़े रजिस्टर में जरूरी जानकारी दर्ज करने के बाद प्राइवेट वार्ड में पहुंचीं। यहां एक मरीज के ड्रिप की बोतल खत्म होने वाली थी। संजू ने बोतल बदली और दूसरे मरीजों का हाल जानने आगे बढ़ गईं।