कोरोना टीकाकरण अभियान : 11 हजार से अधिक लोगों को लगाया गया कोरोना रोधी टीका
कोविड टीकाकरण अभियान में शनिवार को केवल दूसरी डोज लगाने का दिन निर्धारित किया गया है। लेकिन कुछ लोग पहली डोज लगवाने पहुंचे तो उन्हें भी निराश नहीं होना पड़ा। 60 बूथों पर 11303 को टीका लगाया गया। 595 को पहली व 10708 को दूसरी डोज लगाई गई।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोविड टीकाकरण अभियान में शनिवार को केवल दूसरी डोज लगाने का दिन निर्धारित किया गया है। लेकिन कुछ लोग पहली डोज लगवाने पहुंचे तो उन्हें भी निराश नहीं होना पड़ा। 60 बूथों पर 11303 को टीका लगाया गया। 595 को पहली व 10708 को दूसरी डोज लगाई गई। बूथों पर उत्साह का माहौल था। लोगों ने लाइन में खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा की।
सुबह से ही लग गई थी लाइन
टीकाकरण सुबह नौ बजे शुरू हुआ। इसके पहले लोग बूथों पर पहुंचकर लाइन लगा लिए थे। बारी-बारी से लोगों ने टीका लगवाया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एनके पांडेय ने बताया कि वैक्सीन नियमित आ रही है। उपलब्धता के आधार पर बूथों पर भेजी जा रही है। शीघ्र ही पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। शनिवार को नियमित टीकाकरण भी होता है, इसलिए भी कोविड टीकाकरण के बूथों की संख्या कम रखी गई थी।
1.17 लाख लोगों को दूसरी डोज के लिए किया जा रहा प्रेरित
गोरखपुर : जिले में अभी 1.17 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्होंने कोविड वैक्सीन की पहली डोज ले ली है। दूसरी डोज लेने का उनका समय भी बीत चुका है लेकिन उन्होंने दूसरी डोज नहीं लगवाई है। स्वास्थ्य विभाग ने अब ऐसे लोगों को फोन कर उन्हें दूसरी डोज लगवाने के लिए प्रेरित करने की पहल शुरू की है। फोन करने के अलावा उनके मोबाइल पर मैसेज भी भेजे जा रहे हैं।
16.35 लाख से अधिक लोगों को लग चुका है टीका
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि अब तक 16.35 लाख से अधिक लोग कोरोना रोधी टीका लगवा चुके हैं। इनमें दूसरी डोज 2.85 लाख लोगों ने लगवाई है। 1.17 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी दूसरी डोज का समय पूरा हो चुका है लेकिन वे लगवाए नहीं हैं। ऐसे लोगों से अपील की जा रही है कि वे शीघ्र दूसरी डोज लगवा लें, तभी कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित हो पाएंगे।
नौकरी से बाहर होने पर नर्सों ने किया प्रदर्शन
बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाली नर्सों को दोबारा कालेज प्रशासन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसे लेकर नर्सों ने शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि एनएचएम से सेवा विस्तार के लिए पत्र भी आया है, बावजूद इसके उन्हें बाहर कर दिया गया है। कोविड संक्रमण काल में कालेज के पास नर्सों की बड़ी कमी हो गई थी। इसलिए आनन-फानन में संविदा पर उनकी नियुक्ति की गई। संक्रमण काल खत्म होने के बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। उनका कहना है कि हम लोगों ने कोविड संक्रमण काल में जान हथेली पर लेकर काम किया। इसके पहले हमें फरवरी में भी बाहर किया गया था।