खुद की फिक्र छोड़ कर रहीं कोरोना मरीजों की सेवा

कोरोना से आज हालात गंभीर हैं। बीमारी को लेकर लोगों में भय है। इसके बीच भी ऐसे तमाम लोग हैं जो खुद को जोखिम में डाल कोरोना संक्रमितों की सेवा कर रहे हैं। खासकर डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ। इन्हीं में से एक हैं परसा हुसैन स्वास्थ्य उपकेंद्र पर तैनात एएनएम किसमती देवी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:00 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:00 PM (IST)
खुद की फिक्र छोड़ कर रहीं कोरोना मरीजों की सेवा
खुद की फिक्र छोड़ कर रहीं कोरोना मरीजों की सेवा

सिद्धार्थनगर : कोरोना से आज हालात गंभीर हैं। बीमारी को लेकर लोगों में भय है। इसके बीच भी ऐसे तमाम लोग हैं जो खुद को जोखिम में डाल कोरोना संक्रमितों की सेवा कर रहे हैं। खासकर डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ। इन्हीं में से एक हैं परसा हुसैन स्वास्थ्य उपकेंद्र पर तैनात एएनएम किसमती देवी। वैक्सीन लगाने के साथ न सिर्फ अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों का बुखार व आक्सीजन लेवल देखती हैं बल्कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का घर पहुंच कर ख्याल रखती हैं।

उनके बुखार, आक्सीजन लेवल की जांच तो करती ही हैं, परिवारीजनों को मरीज का ध्यान रखने के साथ ही खुद को सुरक्षित रखने के बारे में टिप्स देती हैं। जांच के बाद परिवारीजन आक्सीजन स्तर व बुखार के बारे में स्वास्थ्य विभाग को अवगत करा रहे हैं जिससे बेहतर इलाज हो पा रहा है। वजह कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों को होम क्वारंटाइन करने के लिए तो कह रहा है लेकिन ज्यादातर लोगों के पास बुखार व आक्सीजन का स्तर जांचने की सुविधा नहीं है। ऐसे में किसमती के इस कदम से मरीजों को काफी सहूलियत हो रही है।

वह क्षेत्र के भारत भारी, परसा हुसेन, देवरिया, बढ़नी, कोरई बनिया, मनोहरपुर, मझौवा, जमौती, जमौता परसा इमाद, रींवा, तरैनी-तरैना आदि गांवों में अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही हैं। उनकी कोशिश से अधिकतर संक्रमित तेजी से स्वस्थ हुए और हो रहे हैं।

किसमती संयुक्त परिवार में रहती हैं, इसलिए संक्रमण से बचाव का खास ध्यान रखती हैं। उनके तीन बच्चे आदित्य, रिया, ब्यूटी हैं। पति के अलावा घर में कुल 17 अन्य सदस्य हैं। खुद को सैनिटाइज करके वह घर पहुंचती हैं। पहले गर्म पानी से स्नान करके ही कमरे में जाती हैं। एक घंटे तक किसी से नहीं मिलतीं। खानपान पर विशेष ध्यान रहता है। घर में भी मास्क लगाकर रहती हैं। यह तो मेरी जिम्मेदारी

किसमती का कहना है कि उनसे लोगों की परेशानी देखी नहीं गई। आक्सीजन लेवल जांचने के लिए लोग परेशान होते थे। मैंने केंद्र पर यह सुविधा दे रखी है। मेरा यही मानना है कि स्वास्थ्य कर्मी होने के चलते यह मेरी जिम्मेदारी है।

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