Coronavirus: गोरखपुर शहर में अब नहीं लगेंगे कोरोना जांच शिविर, जानें-क्‍या है मामला Gorakhpur News

जिले में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अधिक से अधिक जांच पर जोर दिया गया था। शुरू में जिला अस्पताल सहित कुछ अन्य स्थानों पर जांच की व्यवस्था थी लेकिन लोग जांच कराने से कतरा रहे थे।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 07:32 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 09:02 AM (IST)
Coronavirus: गोरखपुर शहर में अब नहीं लगेंगे कोरोना जांच शिविर, जानें-क्‍या है मामला Gorakhpur News
कोरोना वायरस जांच का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अधिक से अधिक जांच पर जोर दे रहे प्रशासन ने शहर क्षेत्र में निश्शुल्क कोरोना जांच शिविर लगाना बंद कर दिया है। शिविर लगाने की बजाय प्रशासन अब स्मार्ट सैंपलिंग पर जोर दे रहा है। शिविर में लिए जाने वाले सैंपल में पाजिटिव केसों का औसत काफी कम हो गया था, जिसके कारण शिविर न लगाने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन अब स्मार्ट सैंपङ्क्षलग पर जोर देगा।

छह दिन लगाए जाते थे निश्शुल्क शिविर

जिले में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अधिक से अधिक जांच पर जोर दिया गया था। शुरू में जिला अस्पताल सहित कुछ अन्य स्थानों पर जांच की व्यवस्था थी लेकिन लोग जांच कराने से कतरा रहे थे। इसके बाद प्रशासन की ओर से शहर क्षेत्र में सप्ताह में छह दिन 22 स्थानों पर निश्शुल्क जांच शिविर लगाने का सिलसिला शुरू हुआ। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल के नेतृत्व में राजस्व एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने घर-घर जाकर लोगों को जांच कराने के लिए प्रोत्साहित किया। शुरू में उन स्थानों पर शिविर लगाए गए, जहां से अधिक मामले निकल रहे थे। सरकार की ओर से होम आइसोलेशन की सुविधा मान्य किए जाने के बाद लोग जांच कराने में रुचि लेने लगे। शिविर में लिए जाने वाले सैंपलों में पाजिटिव केसों का औसत शुरूआत में 35 से 40 फीसद का रहा। जैसे-जैसे कारोना संक्रमित लोगों की पहचान होने लगी और वे आइसोलेट होने लगे, पाजिटिव केसों का औसत भी कम हो गया। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो शहर में लगाए जाने वाले शिविरों में पाजिटिव केसों का औसत डेढ़ से दो फीसद रह गया था। यह प्रदेश के औसत से भी कम है।

क्या है स्मार्ट सैंपलिंग

शिविर बंद होने के बाद चरगांवा व फोरेंसिक लैब में 24 घंटे संचालित होने वाले जांच केंद्र में जांच करायी जा सकेगी। इसके अलावा जिनकी उम्र अधिक होगी, जो किसी बीमारी से पीडि़त होंगे या जिनमें लक्षण होगा, उनकी सैंपलिंग की जाएगी। इससे जांच किट का सदुपयोग भी हो सकेगा। जिला अस्पताल में आने वाले ऐसे मरीज जिन्हें बुखार होगा, उनकी कोरोना जांच भी करायी जाएगी। इसके साथ ही अभियान चलाकर अलग-अलग दिन आटो चालकों व दुकानदारों की जांच भी होगी। मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह का कहना है कि शहर क्षेत्र में जांच शिविर फिलहाल नहीं लगाए जा रहे हैं। यहां पाजिटिव केसों का औसत काफी कम हो गया था। शहर में 24 घंटे जांच की सुविधा दो स्थानों पर है। स्मार्ट सैंपङ्क्षलग पर जोर दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी व पीएचसी पर जांच करा सकेंगे।

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