कोरोना मुक्त जिले के गांवों में पहुंचा कोरोना संक्रमण, कोरोना के लक्षण से तप रहे गांव Gorakhpur News
कोरोना अब महराजगंज जिले के गांवों में भी पहुंच गया है। इसके लक्षण से ग्रामीण इलाके भी तप रहे हैं। हाल ही में सामने आए सर्वे रिपोर्ट की मुताबिक गांवों में 6343 मरीज बुखार खांसी के मिले हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : कोरोना अब महराजगंज जिले के गांवों में भी पहुंच गया है। इसके लक्षण से ग्रामीण इलाके भी तप रहे हैं। हाल ही में सामने आए सर्वे रिपोर्ट की मुताबिक गांवों में 6343 मरीज, बुखार, खांसी के मिले हैं। इनमें 135 कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं।
25 फरवरी को कोरोना मुक्त घोषित हुआ था महराजगंज
यूं तो महराजगंज जिला 25 फरवरी 2021 को कोरोना मुक्त घोषित हो गया था, लेकिन होली और पंचायत चुनाव में विदेश और अन्य प्रदेशों से अपने घर आए कुछ लोग कोरोना साथ लेकर चले आए। बाकी कोर-कसर चुनाव ने पूरा कर दिया। इसके बाद कोरोना संक्रमण गांव-गांव में पहुंच गया। हर घर से एक व्यक्ति खांसी, बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल में पहुंचने लगा। इसके संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर प्रशासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता की टीम गठित कर पांच मई से नौ मई तक सर्वे कराया। सर्वे में चौकाने वाले तथ्य सामने आए। हर गांवों में बुखार, खांसी के मरीज मिलने लगे, जिसे चिन्हित किया गया। इसके बाद उन्हें दवा देकर होम आइसोलेशन में रहने का सुझाव दिया गया। नोडल अधिकारी सर्वे अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया की पांच दिनों तक अभियान चलाकर घर-घर सर्वे किया गया है। इसमें 6343 कोरोना के लक्षण वाले मरीज पाए गए हैं, जिसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई है। स्वास्थ्य टीम अपने स्तर से होम आइसोलेशन मरीजों की निगरानी कर रही है।
एक नजर
- सर्वे टीम- 2644
- घरों का सर्वे- 432389
- कोरोना लक्षण वाले मरीज मिले- 6343
- किट वितरित- 80 फीसद
- कोरोना जांच में पाजिटिव- 135
ग्रामीण क्षेत्र में अभी नहीं बने क्वारंटाइन सेंटर
ग्रामीण क्षेत्र में जिनके घर में होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले पर समेकित विद्यालय को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी किसी स्कूल व पंचायत भवन को क्वारंटाइन सेंटर नहीं बनाया गया है। लक्षण वाले मरीज अपने घर पर ही क्वारंटाइन हैं। अपर उप जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि जिस संक्रमित के घर होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है, तो वह स्थानीय स्तर से पंचायत भवन व स्कूलों में ठहर सकता है। इसके लिए निर्देश दिए जा चुके हैं।