इस दवा के सेवन से कोरोना संक्रमित मरीजों को मिल रहा लाभ, जानिए क्‍या हो रहा फायदा Gorakhpur News

आयुष मंत्रालय की दवा आयुष- 64 कोरोना मरीजों के लिए रामबाण बन गई है। पूरे देश में 40 हजार कोरोना मरीजों को यह दवा खिलाकर उनपर अध्ययन किया गया। किसी में साइड इफेक्ट नहीं मिला। लाभ सबको हुआ।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 10:30 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:30 AM (IST)
इस दवा के सेवन से कोरोना संक्रमित मरीजों को मिल रहा लाभ, जानिए क्‍या हो रहा फायदा Gorakhpur News
दवा आयुष- 64, इससे कोरोना संक्रमितों को मिल रहा फायदा। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : आयुष मंत्रालय की दवा आयुष- 64 कोरोना मरीजों के लिए रामबाण बन गई है। पूरे देश में 40 हजार कोरोना मरीजों को यह दवा खिलाकर उनपर अध्ययन किया गया। किसी में साइड इफेक्ट नहीं मिला। लाभ सबको हुआ। ज्यादातर मरीज तो छह से आठ दिन में निगेटिव हो गए थे। अति गंभीर मरीजों को भी यह दवा दी गई। उनमें भी काफी सुधार हुआ। अध्ययन में इस दवा में एंटीवायरल, इम्यूनो माड्यूलेटर व एंटीपायरेटिक गुण पाए गए हैं अर्थात यह वायरस से लड़ने में सक्षम है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और बुखार को खत्म करती है। मंत्रालय ने स्वास्थ्य विभाग को इस दवा के उपयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने सलाह दी है।

पिछले साल से ही कोरोना संक्रमितों को दी जा रही ये दवा

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. प्रकाश चंद्र ने बताया कि यह पिछले साल से ही कोरोना संक्रमितों को दी जा रही है। पूरे देश में अब तक लाखों लोगों को यह दवा पहुंचाई जा चुकी है। किसी में साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। आयुष मंत्रालय ने सेंट्रल काउंसिल फार रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (सीसीआरएएस) के सहयोग से दिल्ली, मुंबई, वर्धा व लखनऊ सहित देश के विभिन्न संस्थानों में इस दवा का उपयोग कर चुके 40 हजार लोगों पर शोध किया। जिनमें लक्षण नहीं थे, जिनमें हल्के लक्षण थे और जो गंभीर मरीज थे, उन्हें आयुष 64 से काफी राहत मिली। चिंता, अनिद्रा, कमजोरी व थकान में भी इससे लाभ मिला। अति गंभीर मरीजों को भी यह दवा दी गई। उनमें भी काफी सुधार देखने को मिला है।

गोरखपुर में बांटे गए 10 हजार पैकेट

गोरखपुर में आयुष 64 के साथ संशमनी वटी व आयुष क्वाथ का पैकेट बनाकर 10 हजार लोगों को वितरित किया गया है। अभी तक किसी में कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला। आयुर्वेद विभाग के डाक्टर व फार्मासिस्ट सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इस दवा का वितरण कर रहे हैं। इसके अलावा सभी राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों से यह दवा बांटी जा रही है।

रोज बन रहे एक हजार पैकेट

द्वितीय शनिवार का अवकाश होने के बावजूद दवा की पैकिंग की गई ताकि कोरोना संक्रमितों को आसानी से दवा उपलब्ध कराई जा सके। पहले रोज लगभग सौ पैकेट तैयार किए जाते थे, लेकिन इधर एक सप्ताह से रोज लगभग एक हजार पैकेट तैयार किए जा रहे हैं।

तेजी से किया जा रहा दवाओं का वितरण

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. प्रकाश चंद्र ने कहा कि दवाओं का वितरण तेजी से किया जा रहा है। कमिश्नर जयंत नार्लिकर व डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने भी निर्देश दिया है कि ज्यादा से ज्यादा संक्रमितों तक यह दवा पहुंचाई जाए। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन पैसे की व्यवस्था कराएगा, लेकिन दवा की कमी नहीं पड़नी चाहिए।

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