Gorakhpur Coronavirus Update: गोरखपुर के गांवों में कोरोना का प्रवेश, पांव पसारते ही मौतों का सिलसिला शुरू

सरकारी आंकड़ों में तों कोरोना से होने वाली मौतें इक्का-दुक्का ही हैं लेकिन घर और गांव वालों के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर कोरोना संक्रमित थे। कोई गांव ऐसा नहीं है जहां 15 दिनों के भीतर दो-चार मौत न हुई हो।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 05:26 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 05:26 PM (IST)
Gorakhpur Coronavirus Update: गोरखपुर के गांवों में कोरोना का प्रवेश,  पांव पसारते ही मौतों का सिलसिला शुरू
कोरोना वायरस का प्रतीकातमक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। पंचायत चुनाव के बाद बेकाबू हो गया कोरोना गांव में कहर बरपा रहा है। हजारो लोग जहां संक्रमित होकर घरों में पड़े हैं वहीं चिताओं के जलने सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सरकारी आंकड़ों में तों कोरोना से होने वाली मौतें इक्का-दुक्का ही हैं, लेकिन घर और गांव वालों के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर कोरोना संक्रमित थे। कोई गांव ऐसा नहीं है जहां 15 दिनों के भीतर दो-चार मौत न हुई हो। जिले में 200 से अधिक गांव तो ऐसे हैं, जहां एक पखवारे में पांच या इससे अधिक लोगों की मौत हुई है। कई गांव तो मरने वालों की संख्या 12 से 18 तक है। इस बीच जिन लोगों की मौत हुई है उनमें कई ऐसे हैं जो सरकारी रिकार्ड में तो कोरोना संक्रमित थे, लेकिन मौत वाली सूची में उनका नाम दर्ज नहीं हैं।

जागरण ने गांव-गांव में फैले अपने सूत्रों के जरिये गुजरे एक पखवारे में किसी भी कारण से हुई मौतों के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि औसतन दो लोगों की मौत हर गांव में हुई है, जबकि इसके पहले दो-तीन महीने में एक-दो मौतें होती थीं। ग्रामीणों ने बताया कि हुई मौतों में 80 फीसद से अधिक लोगों में कोरोना के लक्षण थे, लेकिन जांच न होने और अस्पताल में इलाज न मिलने के चलते तय नहीं हो सका कि उनकी मौत कोरोना से हुई या किसी और वजह से। गांव-गांव से मिली जानकारी का संक्षिप्त विवरण देखने से ही पता चलता है कि ग्रामीण अंचल में जांच और दवा वितरण की प्रक्रिया दुरुस्त नहीं की गई तो स्थिति और भी बेकाबू हो सकती है।

सदर तहसील के भटहट के जंगल हरपुर, चख्खान मोहम्मद , भटहट , मोहिद्दीनपुर , जंगल डुमरी नंबर दो , बरगदहीं , जैनपुर समेत 38 गांवों में 15 दिनों के भीतर पांच या इससे अधिक लोगों की मौत हुई है। जंगल हरपुर व चख्खान मोहम्मद में सर्वाधिक 12 व दस लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में जांच न ही टीकाकरण का कोई कैंप लगाया। खोराबार में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है। गांव वालों के मुताबिक ज्यादातर लोगों में कोरोना के लक्षण थे। चौरी गांव में तो एक ही घर में 4 दिन के भीतर तीन लोगों की मौत हुई थी। रानीडीहा इलाके में 10 दिन के भीतर अधिवक्ता के परिवार में तीन लोगों की मौत हुई। कोनी में 8 दिनों में दो, राम लखना में 10, मिर्जापुर में 5 व सनहा में 6 लोगों की मौत हुई। पिपराइच में 20 दिनों के भीतर 15 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। नथुआ में एक से 12 मई के बीच 12, लहुसी में आठ लोगों की मौत हुई।

कैम्पियरगंज के चौमुखा कैम्पियरगंज, इंद्रपुर ,राजपुर ,सुरस, शिवलहिया, रामचौरा, रिगौली, मिरहिया खजुरगावा,बरईपार, पीपीगंज के तिघरा, नयनसर, रामू घाट, बेलघाट कैथवलिया, राजाबारी,अकटहवा आदि गांवों में पिछले एक पखवारे में पांच या इससे अधिक लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक 17 लोगों की मौत इंदरपुर में हुई। हरैया, दयाल पुरवा, गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां कैंप लगाकर जांच की थी, जिसमें आठ लोग पाजिटिव मिले थे। चौमुखा कैंपियरगंज में 12, पीपीगंज में 20 लोगो की मौत हुई। सुरस में नौ लोगों की मौत हुई है।

गोला के पोखरीगांव, सिधारी, भर्रोह, महुआपार, गढ़वारामपुर, बेलपार, भैंसौली, ओझौली, तीहामुहम्मदपुर, टाड़ा, बेलसड़ी, साऊंखोर, चौतीसा, बैरियाखास, सिधुआपार, नरहरपुर, पोहिला, देवकली, नरहन, पौहरिया, डेरवा, सीधेगौर, मुजौना, मरकड़ी, बेलसड़ा, सड़सड़ा बुजुर्ग आदि गांवों में 15 दिन के भीतर पांच से अधिक लोगों की मौत हुई है। ओझौली में सर्वाधिक 25 जबकि नीबी दुबे में दस लोगों की मौत हुई है। ज्यादातर मृतकों में कोरोना के लक्षण थे। बैरियाखास, पोखरीगांव, सिधारी व नीबी दुबे में कोरोना जांच टीम गई थी। ओझौली में एक परिवार के चार, गढ़वारामपुर में दो, कोड़ारी में मां-बेटे, बेलसड़ी में पिता-पुत्र, नरहन में मां-बेटे की मौत गई।

सहजनवां में बीते एक पखवारे के दौरान भीटी रावत में 20, जोन्हिया में सात, पाली के चडऱाव में 16 लोगों की मौत हुई। अकेले नेवास गांव में 15 लोगों की मौत हुई। मृतकों में कई ऐसे थे जिन्होंने कोरोना की जांच कराई थी और वह संक्रमित थे, जबकि कई में लक्षण तो थे, लेकिन उन्होंने जांच नहीं कराई थी। कई इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैंप लगाया था। पिपरौली के खरैला और अमटौरा में पांच, थरूआपार एक पखवारे के भीतर मां-बेटे दोनों की मौत हो गई। ज्यादातर गांवों में हर दूसरे दिन मौत हो रही है, जिसमें किसी ने भी जांच कराई है। मरने वालों को सर्दी-जुखाम, बुखार के अलावा सांस लेने में दिक्कत बताई जा रही है।

बांसगांव नगर पंचायत,  मझगांवा, रियांव, जिगिना, गजपुर, कौड़ीराम, धस्की, सोहगौरा, टीकर, जगदीशपुर भालुआन,बासूडीहा आदि गांव में पिछले 15 दिनों के भीतर पांच या इससे अधिक लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा अतायर में 16 और हाटा में 11 लोगों की मौत हुई है। मलांव में सर्वाधिक बीस लोग की इस दौरान मृत्यु हुई है। इनमें से कई लोग कोरोना संक्रमित घोषित थे, जबकि कई ने जांच ही नहीं कराई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी इन गांवों में कैंप नहीं लगाया।

खजनी तहसील के बहुरीपार, पडिय़ापार, राउतडाडी, नेउसा, उसवा, बसियाखोर, रुद्रपुर, विगही, सहसी आदि गांवों में 15 दिनों के भीतर 31 से अधिक लोगों की मौत हुई। इनमें ज्यादा कोरोना संक्रमित थे, जबकि कई में कोरोना के लक्षण थे, लेकिन जांच नहीं कराई गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने कई गांवों में कैंप लगाकर लोगों की जांच की, जिसमें 71 लोग संक्रमित पाए गए। राउतडाडी, विगही,आदि गावों मे मोबाइल टीमें नहीं पहुंची है। बेलघाट में पांच जबकि उरुवा के किसी गांव में पांच या इससे अधिक लोगों के मरने की सूचना नहीं है।

चौरीचौरा : सरदार नगर ब्लाक के ग्राम गौनर में पिछले करीब 15 दिनो में 20 लोगों की मौत हुई। ग्रामीणों के मुताबिक ज्यादातर में कोरोना के लक्षण थे, लेकिन लोगों ने जांच नहीं कराई थी। डुमरी खास में पिछले दस दिनो में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई है। नगर पंचायत मुंडेरा बाजार में पिछले 15 दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। शत्रघुनपुर गांव में दस दिनों के भीतर छह लोगों की मौत हुई है।

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