कोराना कर्फ्यू में आई लाकडाउन की याद, सड़कों पर पुलिस की गाड़‍ियां या एंबुलेंस

कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए शनिवार रात आठ बजे से 35 घंटे का कर्फ्यू जारी है। इस दौरान जनता का भी सहयोग मिल रहा है। इसके कारण सड़कों पर आमजन नजर नहीं आ रहे हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 04:57 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 04:57 PM (IST)
कोराना कर्फ्यू में आई लाकडाउन की याद, सड़कों पर पुलिस की गाड़‍ियां या एंबुलेंस
कोरोना कर्फ्यू के कारण सड़कों पर पसरा रहा सन्‍नाटा। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए शनिवार रात आठ बजे से 35 घंटे का कर्फ्यू जारी है। इस दौरान जनता का भी सहयोग मिल रहा है। इसके कारण सड़कों पर आमजन नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि, इस दौरान अभियान चलाकर सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है। शहर के सभी इलाकों में शनिवार रात आठ बजे से सन्नाटा पसरा हुआ है। सड़कों पर पुलिस की गाड़ियां, एंबुलेंस के अलावा वहीं लोग नजर आए जिन्हें किसी जरूरी काम से मजबूरी में घर से बाहर निकलना पड़ा। पुलिस को भी कहीं सख्ती से पेश आने की नौबत नहीं आई। कुल मिलाकर कोराना कर्फ्यू ने एक बार फिर पिछले साल लगे लाकडाउन की याद दिला दी।

पूरी तरह सफल नजर आया कोरोना कर्फ्यू

शहर के गोलघर, सिनेमा राेड, बैंक राेड, अलीनगर, बेनीगंज, जाफरा बाजार, तिवारीपुर, सूरजकुंड, गोरखनाथ, माया बाजार, पांडेयहाता, शाहमारुफ, रेती, नखास, घासी कटरा, बक्शीपुर, घोष कंपनी चौराहा, बेतियाहाता, रुस्ममपुर, तारामंडल, देवरिया बाईपास, पार्क रोड, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, असुरन, शाहपुर, पादरी बाजार, बिछिया, घंटाघर समेत तमाम इलाकों में कोराना कर्फ्यू पूरी तरह सफल नजर आया। न दुकानें खुली थीं और न ही लोग हुजूम बनाकर खड़े नजर आए। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी सड़कों पर गश्त करते रहे। बक्शीपुर, मोहद्दीपुर समेत शहर के कई प्रमुख चौराहों पर बारकेटिंग की गई थी। आने-जाने वालों का आईकार्ड चेक कर घर से निकलने की वजह पूछी जा रही थी। कोई भी बिना मास्क के सड़क पर नजर नहीं आया। दूसरी तरफ कोई साधन न मिलने से मुसाफिर पैदल ही अपनी मंजिल की तरफ जाते दिखे। दिल्ली से आए रामप्रकाश ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर कोई साधन नहीं मिला इसलिए वे पैदल ही नौसढ़ रवाना हो गए।

बाजार में पसरा रहा सन्नाटा

महेवा मंडी, साहबगंज मंडी समेत सभी बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। यहां तक की गली-मोहल्ले की किराना की दुकानें भी नहीं खुली थी। सब्जी के ठेलों वालों ने कुछ मोहल्लों में घर-घर दस्तक दी, हालांकि कई मोहल्लों में एक भी सब्जी का ठेला नजर नहीं आया। कूरियर कंपनियाें के कर्मचारी घर-घर पार्सल पहुंचाते नजर आए। सूरजकुंड निवासी संदीप कुमार ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के कारण किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। सब्जी एवं दूध घर पर ही आ गया।

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