ढका गया मेयर की उपेक्षा करने वाला विवादित शिलापट, जल्द बदला जाएगा Gorakhpur News

गोरखपुर में मेयर की उपेक्षा करने वालेे विवादित शिलापट को ढक दिया गया। हालांकि नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने ठीकेदार को शिलापट हटाने के निर्देश दिए थे। मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने बताया कि नया शिलापट बनाया जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 12:11 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 12:11 PM (IST)
ढका गया मेयर की उपेक्षा करने वाला विवादित शिलापट, जल्द बदला जाएगा Gorakhpur News
गोरखपुर में एक श‍िलापट पर मेयर का नाम नीचे ल‍िखा होने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के पुर्दिलपुर वार्ड में लगाए गए विवादित शिलापट को ढक दिया गया। हालांकि नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने ठीकेदार को शिलापट हटाने के निर्देश दिए थे। मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने बताया कि नया शिलापट बनाया जाएगा। महापौर से बात कर प्रोटोकाल के अनुसार नाम फाइनल किया जा रहा है। शिलापट हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

यह है मामला

सिनेमा रोड, गोलघर, काली मंदिर के पास के दुकानदारों और इन इलाकों में खरीदारी करने के लिए आने वाले ग्राहकों की सहूलियत के लिए नगर निगम प्रशासन ने पुर्दिलपुर वार्ड में शौचालय की स्थापना की है। 15 लाख रुपये की लागत से इसका निर्माण कराया गया है। 11 जून को महापौर सीताराम जायसवाल ने सार्वजनिक शौचालय का लोकार्पण किया था। सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गनाइजेशन को शौचालय के संचालन का जिम्मा सौंपा गया। लोकार्पण के शिलापट पर महापौर का नाम सबसे नीचे था।

पार्षदों ने जताई नाराजगी

नगर निगम का कार्यालय खुला तो शिलापट में प्रोटोकाल का पालन न होने का मामला उठा। महापौर के नाम के ऊपर पार्षद और उसके ऊपर पूर्व उपसभापति के नाम को लेकर आपत्ति जताई गई। इसके बाद महापौर सीताराम जायसवाल से मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने बात की। बताया कि ठीकेदार ने उनको बिना दिखाए अपने हिसाब से शिलापट में नाम तय कर दिया है। इसे बदलकर दूसरा शिलापट लगाया जाएगा।

इस क्रम में लिखा है नाम

लोकार्पण शिलापट पर सबसे ऊपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम है। इसके बाद नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, सदन सांसद रवि किशन शुक्ल, नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल, नगर निगम के पूर्व उपसभापति सुरेंद्र जायसवाल, पुर्दिलपुर वार्ड के पार्षद मनु जायसवाल का नाम है। इसके बाद सबसे आखिरी में महापौर सीताराम जायसवाल का नाम है। अफसरों का कहना है कि सबसे ज्यादा आपत्ति पूर्व उपसभापति सुरेंद्र जायसवाल के नाम को लेकर है। प्रोटोकाल के अनुसार पूर्व उपसभापति का नाम ऊपर नहीं दिया जा सकता है।

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