बीस साल में भी पूरी नहीं हुई चकबंदी, अब विजिलेंस करेगी इसकी जांच
गोरखपुर के एक गांव में 20 साल से चकबंदी की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। जिलाधिकारी ने एसडीएम चौरी चौरा अनुपम मिश्र को निर्देश दिया कि इस मामले में पूर्ववर्ती चकबंदी अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए विजिलेंस जांच करायी जाए।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के झंगहा गांव में चकबंदी से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए चौपाल लगाई। इस गांव में 20 साल से चकबंदी की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। जिलाधिकारी ने एसडीएम चौरी चौरा अनुपम मिश्र को निर्देश दिया कि इस मामले में पूर्ववर्ती चकबंदी अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए विजिलेंस जांच करायी जाए। यदि कोई दोषी मिलता है तो उसपर कार्रवाई की जाए।
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने चौरी चौरा तहसील के झंगहा गांव में लगाई चौपाल
जिलाधिकारी के सामने चौपाल में उड़ान चक एवं मालियत के संबंध में सर्वाधिक शिकायतें आईं। जिलाधिकारी ने चकबंदी अधिकारी को निर्देश दिया कि गांव में शिविर लगाकर सभी मामले एक सप्ताह में निस्तारित करने का निर्देश दिया। ग्रामीणों की ओर से तालाब पर अतिक्रमण का मामला भी उठाया गया। जिलाधिकारी ने खोराबार की खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि तालाब से अतिक्रमण हटाकर उसका सुंदरीकरण कराया जाए। झंगहा चौराहे पर नाली के विवाद का मामला भी चौपाल में उठा। जिलाधिकारी ने एसडीएम को निर्देश दिया कि राजस्व विभाग की टीम बनाकर नाली के विवाद को जल्द से जल्द निस्तारित किया जाए।
उड़ान चक व मालियत के संबंध में आयी शिकायतों का शिविर लगाकर करना होगा निस्तारण
जिलाधिकारी ने बाढ़ के कारण खराब हुई फसलों का आकलन करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने चकबंदी अधिकारी एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर मुआवजे के लिए रिपोर्ट भेजी जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है। उससे जुड़ी समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा। कई तरह की समस्याएं चौपाल में आयी थीं, उसे दुरुस्त कराने के लिए शिविर लगाने का निर्देश दिया गया है। चकबंदी में देरी को लेकर जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।