SSP ने कहा-गोरखपुर के थाने में नहीं हो रही सुनवाई तो कंट्रोल रूम में करें शिकायत
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि आये दिन अधिकारियों के पास व जनता दरबार में लगने वाली भीड़ से यह संदेश जा रहा है कि थानों पर पुलिस सुन नहीं रही है। ऐसे में फरियादी आनलाइन शिकायत कर सकते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। थाना पुलिस यदि आपकी समस्या की सुनवाई नहीं कर रही है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। समस्याओं के आनलाइन निस्तारण के लिए एसएसपी के कैंप कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। यहां पुलिस कर्मी आनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अभी समस्याएं एसएसपी की सीयूजी 9454400273 के माध्यम से अटेंड की जाएगी। आने वाले दिनों में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी लोगों की समस्याएं सुनी जाएंगी।
एसएसपी दिनेश कुमार पी खुद इसकी मानिटरिंग करेंगे। समस्या वास्तविक होने पर थाने से पुलिस टीम भेजकर उसका निराकरण कराया जाएगा। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि आये दिन अधिकारियों के पास व जनता दरबार में लगने वाली भीड़ से यह संदेश जा रहा है कि थानों पर पुलिस सुन नहीं रही है। ऐसे में फरियादियों को अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, बल्कि वह आनलाइन शिकायत कर सकते हैं। शिकायत सही मिलने पर संबंधित पुलिस कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी। शिकायत को गोपनीय रखा जाएगा।
एफआइआर दर्ज कराने के लिए दिया ज्ञापन
तारामंडल के सिद्धार्थपुरम कालोनी में डा. आरके पांडेय के घर हुई चोरी के मामले में एफआइआर दर्ज कराने की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने एसएसपी को ज्ञापन दिया। बताया कि तारामंडल क्षेत्र में चोरों की सक्रियता बढ़ गई है। इस दौरान महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आशुतोष तिवारी, दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, राकेश राम त्रिपाठी, श्यामशरण श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
दो आरोपित गिरफ्तार
गोरखनाथ थाना पुलिस ने चोरी की दो बाइक के साथ दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में शामिल अजय ङ्क्षसह गोरखनाथ थाने के हड़हवा फाटक का रहने वाला है, जबकि दूसरा आरोपित अमित गुप्ता आजमगढ़ जिले के कप्तानगंज थाने का निवासी है। उसने कुशीनगर के कप्तानगंज थाना क्षेत्र बाइक चोरी की थी। जबकि अजय ने गोरखनाथ थाना क्षेत्र से बाइक चोरी की थी। प्रभारी निरीक्षक गोरखनाथ रामआज्ञा सिंह ने बताया कि दोनों आरोपितों को सुबह जगेश्वर पासी मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया है। दोनों भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में सक्रिय रहते हैं। वाहन चोरी के बाद यह दूसरे जिले में उसे छिपा देते हैं। बाद में उसे मौका देखकर बेच देते हैं।