भूमि अधिग्रहण करने के बाद नहीं दिया मुआवजा, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
उच्च न्यायालय प्रयागराज ने सड़क निर्माण में विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण करने के बाद मुआवजा नहीं देने के मामले को संज्ञान लिया है। इससे शोहरतगढ़-खुनुवां सड़क निर्माण में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा संबंघित मामले का जल्द निस्तारण होने की संभावना बलवती हुई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। उच्च न्यायालय प्रयागराज ने सड़क निर्माण में विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण करने के बाद मुआवजा नहीं देने के मामले को संज्ञान लिया है। इससे शोहरतगढ़-खुनुवां सड़क निर्माण में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा संबंघित मामले का जल्द निस्तारण होने की संभावना बलवती हुई है। वर्ष 2018 से यह मामला शासन व प्रशासन स्तर पर लंबित है।
डबल बैंच करेगी सुनवाई
शोहरतगढ़ निवासी मुकेश पोद्दार ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल व पीयूष अग्रवाल की डबल बेंच ने मामले की सुनवाई की। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसे कई मामले लंबित हैं। भूमि अधिग्रहण के बाद पीड़ित को मुआवजा दिया जाना चाहिए। लेकिन निस्तारण नहीं किया जा रहा है। ऐसे मामलों का निस्तारण किया जाना चाहिए। सभी जिलों के डीएम ऐसे लंबित सभी मामलों को निस्तारित करें।
अदालत में देना होगा शपथ पत्र
अगर मुआवजा संबंधित मामला लंबित है तो उसे 18 फरवरी 2022 तक शपथ पत्र देकर न्यायालय को बताएं। अगर कोई मामला किसी भी न्यायालय में लंबित है तो इसकी भी जानकारी देनी है। याचिका कर्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि नौ किमी लंबी शोहरतगढ़-खुनुवां मार्ग का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य वर्ष 2018 में 1954.53 लाख रुपये से कराया गया। इस सड़क पर निर्मित शून्य से किमी तीन के बीच की भूमि आज भी राजस्व अभिलेखों में भूमिधरों के नाम पर दर्ज है।
सडक के मध्य से 60 फिट जमीन मानी जाती है अधिग्रहित
पीडब्ल्यूडी विभाग ने नौ जनवरी 2020 को एक आरटीआइ के जवाब में बताया है अन्य जिला मार्ग के रूप में इसका निर्माण कराया है। सड़क के मध्य से दोनों तरफ 60 फीट की भूमि स्वत: अधिग्रहित मानी जाती है। लेकिन सड़क के पूरब व पश्चिम दिशा में एक ही भूस्वामी का गाटा संख्या है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने बिना भूमि को क्रय किए ही सड़क का निर्माण कराया है, जिससे किसानों का अहित
मुआवजे के लिए कई बार लगाई गुहार लेकिन नहीं हुई सुनवाई
याचिकाकर्ता मुकेश कुमार पोद्दार बताते हैं कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने सड़क का निर्माण करा लिया। लेकिन भूस्वामियों को मुआवजा नहीं दिया गया। मुआवजा दिलाने के नाम पर शासन व प्रशासन स्तर पर कई बार शिकायत की गई। लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। न्यायालय के इस आदेश के बाद उम्मीद की किरण जगी है।
उच्च न्यायालय के आदेश का होगा पालन
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन किया जाएगा। शोहरतगढ़-खुनुवां मार्ग के मुआवजा का मामला काफी दिनों से लंबित है। इसका निस्तारण कराया जाएगा। शोहरतगढ़ तहसील से अधिग्रहित भूमि के भूस्वामियों की सूची बनाने के लिए कहा गया है।