कारगर रही कोरोना वैक्‍सीन की काकटेल डोज, 35 दिन बाद फिर लिए जाएंगे काकटेल व सामान्य डोज के नमूने

यूपी के सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड की और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई थी। इसका प्रभाव जानने के लिए क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र ने 18 लोगों नमूने लेकर जांच के लिए भेजा था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 09 Aug 2021 09:02 AM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 01:06 AM (IST)
कारगर रही कोरोना वैक्‍सीन की काकटेल डोज, 35 दिन बाद फिर लिए जाएंगे काकटेल व सामान्य डोज के नमूने
कोरोना वैक्‍सीन की काकटेल डोज के सकारात्‍मक नतीजे सामने आए हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। यूपी के सिद्धार्थ नगर के शोहरतगढ़ तहसील के औंदही कला में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड की और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई थी। इसका प्रभाव जानने के लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के निर्देश पर क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) ने 18 लोगों नमूने लेकर जांच के लिए भेजा था। जांच नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) पुणे में हुई। रिपोर्ट आ चुकी है। यह पता चल चुका है कि इनमें एंटीबाडी पर्याप्त बनी है। लेकिन एंटीबाडी कब तक बनी रहेगी, इसकी जांच के लिए 90 दिन, 180 दिन व 365 दिन पर भी नमूने लिए जाएंगे। 90 दिन में अभी 35 दिन शेष हैं।

एक वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों से हो सकेगी काकटेल की तुलना

काकटेल डोज वालों में जब एंटीबाडी की जांच शुरू हुई तो यह सवाल भी पैदा हुआ कि किस आधार पर तय किया जाएगा कि नियम के अनुसार एक ही वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों से इनकी प्रतिरोधक क्षमता कितनी कम या ज्यादा है। इसलिए कोविशील्ड व कोवैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले 40-40 लोगों के भी नमूने लिए गए। इनके भी 90 दिन, 180 दिन व 365 पर पुन: नमूने लिए जाएंगे। ताकि पता चल सके कि तीनों समूहों में कितने दिन तक तथा कितनी मात्रा में कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी बन रही है। इनके सबसे पहले नमूने चार व 11 जून को लिए गए थे।

तीनों समूहों के नमूने तीन माह, छह माह व एक साल पर लिए जाने हैं। यदि एक साल तक एंटीबाडी बनी मिली तो संभव है उसके आगे भी नमूने लिए जाएं। इससे पता चल सकेगा कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ कितनी व कितने समय तक कारगर है। - डा. अशोक पांडेय, वायरोलाजिस्ट, आरएमआरसी।

काकटेल डोज लेने वालों के दो बार लिए गए थे नमूने

आइसीएमआर के प्लानिंग कोआर्डिनेटर व आरएमआरसी के निदेशक डा.रजनीकांत ने बताया कि काकटेल डोज लेने वालों के दो बार नमूने लिए गए थे। पहला नमूना चार जून और दूसरा 11 जून को लिया गया था। पहली बार लिए गए नमूनों की जांच हो चुकी है, जिनकी रिपोर्ट में सब ठीक मिला है। इसके अलावा एक ही वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों में कितनी और कब तक एंटीबाडी बन रही है, इसका अध्ययन करने के लिए कोवैक्सीन व कोविशील्ड की दोनों डोज लगवा चुके 40-40 लोगों के दो बार नमूने लिए जा चुके हैं। इनके नमूने 90 दिन, 180 दिन व 365 दिन पर भी लिए जाएंगे। डा.रजनीकांत ने बताया कि नियम के अनुसार किसी व्यक्ति को जिस वैक्सीन की पहली डोज लगाई जाएगी, दूसरी डोज भी वही वैक्सीन लगाई जानी है।

20 लोगों को लग गई थी कोविशील्‍ड व कोवैक्‍सीन की एक-एक डोज

सिद्धार्थनगर के 20 लोगों को कोवैक्सीन व कोविशील्ड की एक-एक डोज लग गई थी। जांच में उनकी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी मिली है। एक ही वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों की अपेक्षा काकटेल डोज वालों की प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा मिली है या कम? के सवाल पर उन्होंने कहा कि सामान्यतया इम्युनिटी अच्छी है। उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है। हर व्यक्ति की शारीरिक बनावट व क्षमता अलग होती है, इसलिए 18 लोगों की जांच के आधार पर अंतिम निष्कर्ष नहीं दिया जा सकता।

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