सीएम योगी आदित्‍यनाथ बोले, दुनिया ने किया भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति का अनुसरण

आयुष विश्वविद्यालय के भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक पटल पर पहचान दी। दुनिया के हर देश में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति का अनुसरण किया गया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 06:44 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 06:44 PM (IST)
सीएम योगी आदित्‍यनाथ बोले, दुनिया ने किया भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति का अनुसरण
भटहट के पिपरी गांव में गुरू गोरखनाथ आयुष विवि के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक पटल पर पहचान दी। 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाना इसका प्रमाण है। कोरोना से प्रभावित दुनिया के हर देश में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति का अनुसरण किया गया है। जो हल्दी प्राचीन काल से हमारे यहां घर-घर में प्रयोग होती है, उसका पानी पीने के लिए कई देशों में लाइन लगती है।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2014 में हुआ आयुष मंत्रालय का गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं निर्देशन में परंपरागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद, योग, यूनानी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी, सिद्ध आदि को मिलाकर आयुष मंत्रालय का गठन किया। उसका अनुसरण करते हुए उत्तर प्रदेश ने भी 2017 में आयुष मंत्रालय बनाकर परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करने का काम किया। प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र परिषद के मंच से योग को वैश्विक पहचान दिलाने का जो काम किया है, उसी का परिणाम है कि भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति तेजी से आगे बढ़ी है।

200 देश जुड़े हैं योग की परंपरा से

आज करीब 200 देश योग की इस महान परंपरा से जुड़े हैं। महायोगी गुरु गोरखनाथ की पावन धरती पर उनके नाम पर आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लेकर इस चिकित्सा पद्धति को और आगे बढ़ाया गया है। पहले प्रदेश में मेडिकल कालेज अलग-अलग विश्वविद्यालयों से संबद्ध थे। उनके पाठ्यक्रम में समानता नहीं था, सत्र नियमति नहीं था। प्रधानमंत्री के हाथों 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर मेडिकल विश्वविद्यालय का शिलान्यास कराकर सभी मेडिकल कालेजों को एक विवि से जोड़ा गया और उनमें एकरूपता लायी गई। इसी तरह सभी तकनीकी संस्थानों के लिए भी एक तकनीकी विश्वविद्यालय है पर, आयुष चिकित्सा पद्धति से जुड़े प्रदेश के 94 महाविद्यालय भी अलग-अलग 12 विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं। इस विश्वविद्यालय से संबद्ध होने के बाद उनके पाठ्यक्रम में एकरूपता आएगी और सत्र नियमित हो सकेगा। प्रदेश के इन महाविद्यालयों में पढ़ रहे 7500 स्नातक एवं 525 परास्नातक छात्रों को इससे फायदा होगा। विकास की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की उपस्थिति बता रही है कि पिछले सात साल में विकास लोगों के घर-घर तक पहुंचा है। इस विश्वविद्यालय इस विश्वविद्यालय की स्थापना से विकास को नया आयाम मिलेगा।

योग की विभिन्न विधाओं के जनक हैं गुरु गोरखनाथ

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग की विभिन्न विधाओं हठ योग, लय योग, राज योग, मंत्र योग, जिन्हें व्यावहारिक या क्रिया योग भी कहते हैं, इसके जनक महायोगी गुरु गोरखनाथ ही माने जाते हैं। गोरक्ष आसन, मत्स्येंद्र आसन जैसे विभिन्न आसन भी नाथ योगियों के नाम पर हैं। उनके प्रति श्रद्धा सम्मान व्यक्त करते हुए इस विश्वविद्यालय की स्थापना उनके नाम पर की जा रही है। महायोगी गोरखनाथ आयुर्वेद के रसशास्त्र के भी जनक हैं। नवनाथों व 84 सिद्धों ने खनिजों के रस से जिस आपातकालीन दवाओं का प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र में किया, उसके प्रणेता गुरु गोरखनाथ ही हैं।

chat bot
आपका साथी