गोरखपुर में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, कोरोना काल में हमने दुनिया को सिखाया प्रबंधन
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान अपने अध्यक्षीय संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल में जब पूरी दुनिया महामारी से त्रस्त थी तब हमने कुशल प्रबंधन से इस पर काबू पाया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान अपने अध्यक्षीय संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल में जब पूरी दुनिया महामारी से त्रस्त थी तब हमने कुशल प्रबंधन से इस पर काबू पाया। साथ ही कोरोना का टीका भी बनाया। इस दृष्टि से हमने पूरी दुनिया को प्रबंधन सिखाया। दरअसल कोरोना काल में कुशल प्रबंधन की हमने दुनिया के सामने नजीर पेश की।
नए भारत के निर्माण का प्रयास है नई शिक्षा नीति
कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों और शिक्षकों से नई शिक्षा नीति के विषय में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए इस नीति को लागू किया गया है। युवाओं के माध्यम से नए भारत के निर्माण की यह बड़ी कोशिश है। संस्थापक सप्ताह समारोह को मुख्यमंत्री ने अनुशासन का पर्व बताया, कहा महंत दिग्विजयनाथ द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा, सेवा और तप की प्रज्वलित अंखड ज्योति निरंतर जलती रहेगी। महंत अवेद्यनाथ द्वारा शुरू किए गए सामाजिक समरसता तथा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रियता का अपना दायित्व गोरक्षपीठ हमेशा निभाता रहेगा। उन्होंने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर की स्थापना, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की अनवरत गतिमान यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है।
गुरु के सम्मान में खुला एमपी इंटर कालेज
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की परिस्थितियों पर भी चर्चा की। बताया कि महंत दिग्विजयनाथ ने पहला स्कूल तब खोला, जब स्वतंत्रता आंदोलन से जुडऩे के चलते उनके गुरु को एक अंग्रेज अफसर ने अपने स्कूल की नौकरी से निकाल दिया। आज वही स्कूल एमपी इंटर कालेज के रूप में अपने सेवा दे रहा है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना इसी कालेज की नींव पर हुई।
हिमालच प्रदेश से गोरखपुर का नजदीकी रिश्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से गोरखपुर का नजदीकी रिश्ता है। जिस गोरखपुर का नाम महायोगी गुरू गोरखनाथ के नाम पर पड़ा है, उनका गोरखपुर आगमन हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से हुआ। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री भी हिमाचल के ही हैं और पूरे देश में जनसेवा से अपनी पहचान बनाए हैं।