गोरखपुर में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, भारत का डीएनए एक इसलिए पूरा भारत एक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आयोजित सात दिवसीय समारोह में इस तथ्य को सिरे से खारिज किया है कि आर्य भारत में बाहर से आए थे। इस दुष्प्रचार के लिए उन्होंने अंग्रेजों और वामपंथी इतिहासकारों को दोषी ठहराया।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:10 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:10 PM (IST)
गोरखपुर में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, भारत का डीएनए एक इसलिए पूरा भारत एक
गोरखनाथ मंदिर में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तथ्य को सिरे से खारिज किया है कि आर्य भारत में बाहर से आए थे। इस दुष्प्रचार के लिए उन्होंने अंग्रेजों और वामपंथी इतिहासकारों को दोषी ठहराया। योगी ने कहा कि इस काले अध्याय के जरिए देशवासियों को गलत इतिहास पढ़ाया गया, जिसका खामियाजा देशवासियों को लंबे समय तक भुगतना पड़ा। इसी कारण प्रधानमंत्री को 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का आह्वान करना पड़ा, जिसकी संकल्पना समर्थ भारत की आधारशिला है।

गोरखनाथ मंदिर में शुरू हुआ सात दिवसीय समारोह

ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित सात दिवसीय समारोह के पहले दिन की संगोष्ठी में योगी ने आर्य-द्रविण विवाद को झूठा और बेबुनियाद बताते हुए कहा कि पूरे भारत का डीएनए एक है, इसलिए पूरा भारत एक है। यही वजह है कि दुनिया की तमाम जातियां अपने मूल से ही समाप्त हो गई लेकिन भारत फल-फूल रहा है। भारत ने पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम का भाव दिया, इसलिए भी यह श्रेष्ठ है। दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना ही समर्थ भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा' विषय पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी ऐसा भारतीय नहीं होगा, जिसे अपने पवित्र ग्रंथ वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण, महाभारत आदि की जानकारी न हो। वह परंपरागत रूप से इन कथाओं को सुनते हुए और उनसे प्रेरित होते हुए आगे बढ़ता है। कोई भी ग्रंथ यह नहीं कहता कि हम बाहर से आए हैं। दरअसल हमारे ग्रंथों में श्रेष्ठ के लिए आर्य और दुराचारी के लिए अनार्य शब्द का प्रयोग किया गया है। रामायण में माता सीता ने भगवान राम को आर्यपुत्र कहकर संबोधित किया है। जरूरत लोगों को सही इतिहास बताने की है।

राम मंदिर विवाद समाप्त हुआ तो बंद हो गया कमाने-खाने का जरिया

राम मंदिर निर्माण को एक भारत-श्रेष्ठ भारत अभियान से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब पांच सौ वर्ष पुराने विवाद का समाधान हुआ तो बहुत से लोगों को अच्छा नहीं लगा। क्योंकि विवाद खत्म होते ही उनके खाने-कमाने का जरिया बंद हो गया। ऐसे लोग ही विरोध का राग अलापते रहते हैं। भारतीयों को इन राष्ट्र विरोधियों के चंगुल से बाहर निकालने के लिए ही पीएम मोदी ने 'सबका साथ-सबका विकास और एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का मंत्र दिया।

आज दुनिया की कोई ताकत भारत के सामने नहीं ठहर सकती

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी के पीछे 135 करोड़ लोगों का व्यापक समर्थन है। ऐसे में दुनिया की कोई ताकत भारत के आगे नहीं ठहर सकती। एक समय जब चीन हमारी सीमाओं का अतिक्रमण करता था और हम मौन रहते थे, लेकिन अब डोकलाम में चीन को भारत के प्रतिरोध के आगे पीछे हटना पड़ा। जनता का समर्थन ही लोकतांत्रिक देश की ताकत है।

महंतद्वय ने लोक कल्याण के लिए खुद को किया समर्पित

महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को याद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि महंतद्वय ने राष्ट्रधर्म व लोक कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। कहने को गोरक्षपीठ शैव परंपरा की पीठ है, लेकिन वैष्णव परंपरा के श्रीराम मंदिर निर्माण में भी गोरक्षपीठ ने जो भूमिका निभाई उसे पूरे विश्व ने देखा। इसकी वजह यह थी कि दोनों महंतों ने पीठ को सिर्फ उपासना तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि लोक कल्याण के लिए खुद को समर्पित किया।

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