सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया आयुष विश्वविद्यालय की भूमि का निरीक्षण, शीघ्र होगा शिलान्यास
सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को गोरखपुर के भटहट में चिह्नित आयुष विश्वविद्यालय की भूमि पर पहुंचे। विश्वविद्यालय का भूमि पूजन व शिलान्यास 28 अगस्त को राष्ट्रपति के हाथों होना है। उन्होंने तैयारियों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को भटहट के पास पिपरी व तरकुलवा गांव में चिह्नित आयुष विश्वविद्यालय की भूमि पर पहुंचे। विश्वविद्यालय का भूमि पूजन व शिलान्यास 28 अगस्त को राष्ट्रपति के हाथों होना है। उन्होंने तैयारियों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिलान्यास के पूर्व हेलिपैड व रास्ते पूरी तरह ठीक कर लिए जाएं। इसमें किसी तरह की कमी न रहने पाए। अधिकारियों ने उन्हें विश्वविद्यालय का लेआउट दिखाया और गेट, कालेज, ओपीडी ब्लाक कहां स्थित होगा, इसकी जानकारी दी। हेलिपैड पर मुख्यमंत्री ने भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री जनार्दन तिवारी को निर्देश दिया कि शिलान्यास कार्यक्रम की सूचना आम जन तक पहुंचाई जाय। इसके लिए बैठकें आयोजित की जाएं। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम जन की सहभागिता जरूरी है। इस अवसर पर पिपराइच के विधायक महेन्द्र पाल सिंह भी उपस्थित थे।
विवि से सम्बद्ध होंगे प्रदेश के 94 आयुष महाविद्यालय
प्रदेश के 94 आयुष महाविद्यालयों में 67 आयुर्वेदिक, 15 यूनानी व 12 होम्योपैथिक के हैं। यह सभी कालेज फिलहाल कानपुर, लखनऊ व आगरा आदि अलग-अलग विश्वविद्यालयों से संचालित होते हैं। ऐसा होने से उनके पाठ्यक्रम, प्रवेश, परीक्षा व शैक्षणिक सत्र एक साथ नहीं हो पाते। शासन ने आयुष चिकित्सा पद्धति को समृद्ध करने के लिए ही गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया। आयुष विश्वविद्यालय के खुलने और महाविद्यालयों के जुड़ने से प्रवेश, परीक्षा व शैक्षणिक सत्र नियमित होने के साथ ही डिप्लोमा व डिग्री की अवधि तथा पाठ्यक्रमों में एकरूपता आ जाएगी।
तेजी से चल रहा आयुष विवि का काम
गोरखपुर-महराजगंज रोड पर भटहट से दो किमी दूर ग्राम पिपरी में 299.8783 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे आयुष विवि के लिए 21.173 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है। विश्वविद्यालय की चाहरदीवारी तैयार करने के लिए 2.40 करोड़ रुपये शासन ने जारी कर दिए हैं। सीतापुर आंख अस्पताल परिसर में कुलपति के लिए कार्यालय की स्थापना कर दी गई है।
आयुष विश्विविद्यालय खुलने के फायदे
आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी व सिद्धा चिकित्सा पद्धतियों का विकास।
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में भी दक्ष होंगे छात्र-छात्राएं।
विभिन्न बीमारियों पर होगा शोध।
प्रदेश के आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी के सभी महाविद्यालयों का संबद्धीकरण।
प्रदेश में आयुष महाविद्यालय
विधा सरकारी निजी
आयुर्वेद 08 59
यूनानी 02 13
होम्योपैथी 09 03
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ प्रकाश चंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर में खुलने वाला आयुष विश्वविद्यालय पूरे प्रदेश की पहचान बनेगा। इस विश्विवद्यालय से प्रदेश के सभी आयुष महाविद्यालयों को संबद्ध कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय के बाउंड्री वाल के लिए शासन ने 2.40 करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। कार्यदायी संस्था पीडब्लूडी को बनाया गया है।