सीएम ने किया राज्य के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामगढ ताल के तट पर प्रदेश के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का वर्चुअल लोकार्पण किया। इसकी ऊंचाई 246 फीट (75 मीटर) है और ऊंचाई के लिहाज से यह पूरे देश में 10वां सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज है।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 06:53 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 06:53 PM (IST)
सीएम ने किया राज्य के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण
रामगढ़ ताल के जेट्ठी पर लहराता तिरंगा।

गोरखपुर, जेएनएन। समारोह के दौरान ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामगढ ताल के तट पर प्रदेश के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का वर्चुअल लोकार्पण किया। इसकी ऊंचाई 246 फीट (75 मीटर) है और ऊंचाई के लिहाज से यह पूरे देश में 10वां सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज है। इसके साथ ही उन्होंने नया सवेरा के प्रवेश द्वार व पैडलेगंज के पास स्थित बुद्ध द्वार का वर्चुअल लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने समारोह की स्मारिका का भी विमोचन किया।

दिव्यांगजन को प्रदान की मोटरचालित ट्राइसाइकिल

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ दिव्यांगजन को मोटरचालित ट्राइसाइकिल प्रदान की। समारोह स्थल पर 100 दिव्यांगजन (महिला व पुरूष) को मोटरचालित ट्राइसाइकिल दी गई।

सीएम योगी के हाथों गोरखपुर रत्न से सम्मानित हुईं नौ विभूतियां

गोरखपुर महोत्सव के मुख्य मंच से सीएम योगी ने नौ विभूतियों को गोरखपुर रत्न से सम्मानित किया। संगीत के क्षेत्र में भजन गायक नंदू मिश्रा, सेवा के क्षेत्र में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित नागरिक सुरक्षा के चीफ वार्डेन डॉ संजीव गुलाटी, चिकित्सा के क्षेत्र में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र मोहन सेठ,विज्ञान के क्षेत्र में गॉड पार्टिकल की खोज करने वाली टीम की सदस्य मीनाक्षी नारायण, कालानमक चावल की पांच प्रजातियों की खोज करने वाले कृषि विज्ञानी डॉ रामचेत चौधरी, खेल के क्षेत्र में हॉकी खिलाड़ी ओलंपियन अली सईद व अर्जुन अवार्डी प्रेम माया, अंतरराष्ट्रीय पहलवान अमरनाथ यादव, उद्यमी ज्योति मस्करा को यह सम्मान प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने महोत्सव के आयोजकों को भी सम्मानित किया।

गोरखपुर गौरव सम्मान का विस्तार होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि विविध क्षेत्र में तमाम लोग लोक कल्याण के विविध माध्यमों से रचनात्मक कार्य कर रहे हैं। उन सभी को चिन्हित और सूचीबद्ध करने के प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। गोरखपुर गौरव सम्मान को और अर्थपूर्ण और व्यापक बनाने का एकमात्र उद्देश्य है कि ऐसी उत्कृष्ट विभूतियों के सम्मान से समाज के अन्य लोग विशेष रूप से युवा शक्ति नए उदाहरण गढ़ने को तैयार हो।

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