बंद मिला विद्यालय तो कहीं गाइडलाइन का पालन नहीं
कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय तक विद्यालय बंद रहे। इधर कोरोना प्रोटोकाल के दायरे में स्कूल खुले तो फिर यहां की रौनक लौट आई। मगर इस बीच ऐसे भी विद्यालय मिले जहां आज भी गेट पर ताला बंद था।
सिद्धार्थनगर : कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय तक विद्यालय बंद रहे। इधर कोरोना प्रोटोकाल के दायरे में स्कूल खुले तो फिर यहां की रौनक लौट आई। मगर इस बीच ऐसे भी विद्यालय मिले जहां आज भी गेट पर ताला बंद था। कहीं छात्रों की संख्या अधिक मिली तो वहां कोविड गाइडलाइन दरकिनार रही। मिड डे मील अंतर्गत भोजन में भी मनमानी दिखी। जले चावल के साथ दाल इस तरह दी गई, कि देखने में दाल कम, पानी ज्यादा नजर आया। गंदगी, पेयजल व शौचालय की समस्या भी दिखाई दी। विद्यालयों की स्थिति कुछ इस तरह दिखी।
केस एक : सुबह 11.30 बजे नगर पंचायत बिस्कोहर के प्राथमिक विद्यालय पिउरिया में दोनों अध्यापक की तैनाती है, दोनों मौजूद मिले। यहां 142 नामांकित बच्चों में 90 की उपस्थिति मिली। परंतु कोरोना प्रोटोकाल का कहीं पालन होता नजर नहीं आया। मात्र दो कक्ष होने के कारण असुविधा दिखी। भोजन में रोटी-सब्जी बनाई गई। बारिश के चलते परिसर में पानी भरा दिखाई दिया।
केस दो : पूर्व माध्यमिक विद्यालय बस्ती बरगदवा (रोहनी भारी) बंद मिला। वैसे भी इतने दिनों तक स्कूल बंद थे, मगर जब खुलने का समय तो भी यहां ताला बंद पाया गया। अध्यापकों के लिए विद्यालय पहली जुलाई से ही खोले गए। निर्देश दिए गए थे कि स्कूलों में साफ-सफाई व अन्य कार्य कराए जाएंगे। यहां जगह-जगह प्लास्टर टूटा मिला तो आसपास गंदगी पसरी रही।
केस तीन : प्राथमिक विद्यालय बस्ती बरगदवा में दोपहर 12 बजे बच्चे खाना खाते मिले। भोजन में रोटी-सब्जी दी जानी थी, मगर दाल चावल दिया गया। बच्चों ने प्लेट में रखे चावल को दिखाया जो काफी जला हुआ था, दाल सिर्फ कहने के लिए थी, दाल के रंग में पानी ही दिखाई दे रहा था। विद्यालय में सिर्फ प्रधानाध्यापक जय प्रकाश ही मौजूद मिले। एक सहायक अध्यापक और दोनों शिक्षा मित्र गायब मिले, बताया गया कि वे जिले पर गए हैं। खराब शौचालय में हमेशा ताला ही लगा रहता है। एक कमरे में हर तरफ शौच की गंदगी पसरी मिली। नामांकित 133 में 69 उपस्थित मिले। स्कूल आने के लिए कच्चा मार्ग है तो इंडिया मार्क हैंडपंप के चारों ओर गंदा पानी भरा रहा।
खंड शिक्षा अधिकारी , भनवापुर बिंदेश्वरी मिश्रा ने कहा कि सभी विद्यालयों की जांच करते हैं, जो अध्यापक अनुपस्थित थे, उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। जो अन्य समस्याएं हैं, उनका भी समाधान कराया जाएगा।