Primary Education: कक्षाएं लय में आएं, इससे पहले बज जाएगी चुनावी घंटी

कोराेना के कारण लंबे समय तक बंद रहे स्कूल खुलने के बाद धीरे-धीरे कक्षाएं भी लय में आने लगी। अभी स्कूलों में पढ़ाई रफ्तार पकड़े कि इसके पहले चुनावी घंटी बज जाएगी जिससे एक बार फिर नए सत्र में पंद्रह से बीस दिनों तक बच्चों की पढ़ाई बाधित रहेगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 11:32 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 12:06 PM (IST)
Primary Education: कक्षाएं लय में आएं, इससे पहले बज जाएगी चुनावी घंटी
कक्षा एक पांच तक के स्‍कूल खुलने के बाद कक्षाएं लय में आने लगी हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कोराेना के कारण लंबे समय तक बंद रहे स्कूल खुले तो बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। बच्चे पढ़ने तो शिक्षक उन्हें पढ़ाने को लेकर उत्साहित नजर आएं। धीरे-धीरे कक्षाएं भी लय में आने लगी। अभी स्कूलों में पढ़ाई रफ्तार पकड़े कि इसके पहले चुनावी घंटी बज जाएगी, जिससे एक बार फिर नए सत्र में पंद्रह से बीस दिनों तक बच्चों की पढ़ाई बाधित रहेगी।

कभी बीएलओ तो कभी जनगणना के नाम पर पहले से ही शिक्षकों की ड्यूटी लगती रही है। चुनाव में माध्यमिक के साथ ही बेसिक शिक्षा के शिक्षक चुनाव से लेकर मतगणना तक में ड्यूटी करते हैं। पूरी चुनावी प्रक्रिया में शिक्षकों के प्रशिक्षण से लेकर चुनाव सामग्री लेने तथा अंत में पोलिंग पार्टी के साथ उनकी रवानगी आदि में लगभग पंद्रह से बीच दिन उन्हें विद्यालय से दूर रहना पड़ता है। इस बार तो नए सत्र में ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाने की बजाए चुनाव के कारण विद्यालय से दूर हो जाएंगे, जिससे लय में आने से पहले ही एक बार फिर पढ़ाई में ब्रेक लग जाएगा। हालांकि शिक्षक दबी जुबान चुनावी ड्यूटी का विरोध कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के डर से खुलकर सामने नहीं आ रहे।

बेसिक शिक्षा विभाग

कुल शिक्षक: 8053

प्राथमिक हेडमास्टर: 1235

प्राथमिक सहायक: 4043

उच्च प्राथमिक हेड मास्टर: 67

उच्च प्राथमिक-2422

अनुदेशक: 492

शिक्षामित्र: 1874

माध्यमिक शिक्षा

कुल शिक्षक: 2903

पंचायत चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने की तैयारी एक बार फिर शुरू हो चुकी है। इनमें से कोई बीएलओ तो कोई पीठासीन अधिकारी व पोलिंग अफसर बनकर ड्यूटी करेगा। चुनाव खत्म हाेते ही शिक्षक मतगणना भी कराएंगे । इस दौरान लगभग एक माह तक स्कूलों में शिक्षण कार्य बाधित रहेगा। शिक्षकों से शिक्षण कार्य न कराकर अन्य कार्य लिया जाना भावी पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। लंबी अवधि के बाद जब विद्यालय खुलने पर जिस शिक्षक को विद्यालय में रखना चाहिए उसे विद्यालय से दूर किया जा रहा है। इस पर तत्काल रोक लगाकर शिक्षकों को कोरोनाकाल में अधूरे पठन-पाठन कार्य पूर्ण कराया जाना चाहिए, जिससे बच्चों की पढ़ाई अनवरत जारी रहे। - ध्रुव कुमार त्रिपाठी, शिक्षक विधायक

chat bot
आपका साथी