बांस-बल्ली बदलने की योजना के तहत गांव में लगा दिए शहर क्षेत्र के खंभे व एबीसी केबल

शहरी क्षेत्र के कई मोहल्‍लों में बांस-बल्‍ली के सहारे बिजली की आपूर्ति की जाती है। ि‍जिससे आए दिन फाल्‍ट की समस्‍या का सामना करना पडता है। शहर क्षेत्र में बांस-बल्ली को बदलने की योजना के तहत 11 करोड़ रुपये से हुए काम में लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 03:37 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:30 AM (IST)
बांस-बल्ली बदलने की योजना के तहत गांव में लगा दिए शहर क्षेत्र के खंभे व एबीसी केबल
बांस-बल्ली बदलने की योजना के तहत गांव में लगा दिए शहर क्षेत्र के खंभे व एबीसी केबल। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शहर क्षेत्र में बांस-बल्ली को बदलने की योजना के तहत 11 करोड़ रुपये से हुए काम में लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। यह काम करने वाली फर्म मेसर्स पावर टेक ने शहरी क्षेत्र में अधूरा काम कर चौरी चौरा क्षेत्र के छपरा मंसूर, मुंडेरा बाजार सहित आधा दर्जन गांवों में 115 खंभे एवं पांच किलोमीटर एरियल बंच कंडक्टर (एबीसी) लगा दिए।

मुख्‍य अभियंता ने दिए खंभे उखाडने के निर्देश

मुख्य अभियंता ने इस मामले में फर्म के जिम्मेदारों को सभी खंभे उखाड़कर एवं केबल उतारकर पादरी बाजार क्षेत्र के मोहल्लों में लगाने का निर्देश दिया है। मुख्‍य अभियंता ने हा है कि ऐसा न करने की स्थिति में भुगतान में कटौती की जाएगी।

बाहरी मोहल्‍लों में बांस-बल्‍ली से हो रही बिजली की आपूर्ति

शहर के बाहरी मोहल्लों में करीब 40 हजार घरों में बांस-बल्ली के सहारे बिजली की आपूर्ति होती थी। आए दिन फाल्ट के चलते बिजली कटौती से लोगों को परेशान होना पड़ता है। अगस्त 2020 में बिजली निगम ने सर्वे कराकर करीब 10.90 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया था। यह प्रस्ताव स्वीकृत हो गया और नवंबर 2020 में फर्म ने काम शुरू कर दिया।

निरस्‍त हो गया था ग्रामीण इलाकों में बांस-बल्‍ली बदलने का प्रस्‍ताव

इसी बीच विद्युत वितरण निगम ग्रामीण मंडल प्रथम की ओर से खोराबार व पादरी बाजार क्षेत्र के चौरी चौरा वितरण क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में भी बांस-बल्ली बदलने का प्रस्ताव तैयार किया गया। कुछ दिन बाद यह प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया था।

प्रस्‍ताव निरस्‍त होने के बाद भी गांवों में लगाए गए खंभे

बिजली निगम के अभियंताओं का कहना है कि प्रस्ताव निरस्त होने के बावजूद फर्म की ओर से चौरी चौरा क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में खंभे व एबीसी केबल लगाकर कनेक्शन भी जोड़ दिए गए। बांस-बल्ली योजना की समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हुई। उसके बाद समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि पादरी बाजार क्षेत्र के कुछ मोहल्लों में अभी भी बांस-बल्ली के सहारे आपूर्ति हो रही है। पूछताछ में यह बात सामने योजना के तहत आवंटित खंभों एवं तार का पूर्ण उपयोग हो चुका है।

खंभे उखाडने की तैयारी लेकिन सता रहा ग्रामीणों के विरोध का डर

फर्म की ओर से अब खंभों को उखाडऩे की तैयारी की जा रही है लेकिन ग्रामीणों के विरोध की आशंका से वे भयभीत भी हैं। गोरखपुर जोन के मुख्य अभियंता ई. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सीमेंट के खंभे लगाने की योजना शहर के बाहरी क्षेत्रों के लिए ही थी लेकिन फर्म ने चौरी चौरा क्षेत्र में भी खंभे व केबल लगा दिए हैं। खंभों को उखाड़कर निर्धारित स्थान पर लगाने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न करने पर भुगतान से कटौती की जाएगी।

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