Raksha Bandhan 2021: इस बार नहीं दिखेगी चाइनीज राखी, नई तरह की राखी से पटा बाजार

इस बार राखी निमार्ताओं ने खास तौर पर बच्चों को आकर्षित करने के लिए मैगी बर्गर पिज्जा डोसा गोलगप्पे इडली समोसा फिंगर चिप्स समेत कई तरह के पकवान वाली राखियां बाजार में उतारी है। यह राखियां न सिर्फ देखने में आकर्षक है बल्कि कीमत भी कम है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:18 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 08:44 AM (IST)
Raksha Bandhan 2021: इस बार नहीं दिखेगी चाइनीज राखी, नई तरह की राखी से पटा बाजार
इस बार अलग तरह की राखी बाजार में है। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रक्षा बंधन के पर्व पर इस बार लोगों को राखी में एक नया प्रयोग देखने को मिलेगा। परंपरागत राखियों के बीच कुछ ऐसी राखियां भी नजर आएंगी जिन पर तरह-तरह के पकवान खिलौने के रूप में सजे मिलेंगे। राखी निमार्ताओं ने खास तौर पर बच्चों को आकर्षित करने के लिए मैगी, बर्गर, पिज्जा, डोसा, गोलगप्पे, इडली, समोसा, फिंगर चिप्स समेत कई तरह के पकवान वाली राखियां बाजार में उतारी है। यह राखियां न सिर्फ देखने में आकर्षक है, बल्कि कीमत भी पचास रुपये से कम है।

बाजार में बढ़ी चहल-पहल

रक्षा बंधन के पर्व में भले ही 25 दिन का वक्त बचा हो, लेकिन बाजार में इसको लेकर चहल-पहल बढ़ गई है। पांडेयहाता स्थित थोक बाजार में ग्राहकों का हुजूम उमड़ रहा है। आसपास के जिलों के अलावा नेपाल और बिहार के मोतीहारी, सीतामढ़ी, बगहा, नरकटियागंज एवं बेतिया के दुकानदार राखी खरीदने आ रहे हैं। आमतौर पर बच्चों के लिए डोरेमान, पोकेमान, एंग्री बर्ड, छोटा भीम आदि कार्टून कैरेक्टर के साथ लाइट वाली राखियां मिलती थी, लेकिन इस बार कई नए तरह की राखियां बाजार में मौजूद है। पहली बार राखियों पर तरह-तरह के पकवान नजर आएंगे। पांडेयहाता के थोक कारोबारी शिवम पटवा ने बताया कि ज्यादातर आकर्षक राखियां मुंबई से मंगाई गई है। बच्चों को फास्ट फूड बहुत पसंद है इसलिए निर्माताओं ने कार्टून कैरेक्टर के बजाए फास्ट फूड की शक्ल दे दी है। नयापन होने की वजह से दुकानदार इन राखियों को खूब खरीद रहे हैं।

इस बार नहीं दिखेगी चाइनीज राखी

इस बार रक्षाबंधन पर सिर्फ स्वदेशी राखियां ही नजर आएंगी। बीते कई वर्षों से राखी बाजार पर चाइना का दबदबा था और करीब 60 फीसद चाइनीज राखियां बिकती थी। बच्चों के लिए लाइट व म्यूजिक वाली कार्टून राखी से लेकर बड़ों के लिए स्टोन व पर्ल राखी सबकुछ चीन से आता था और सिर्फ उसमें डोरी लगाने व पैकिंग का देश के अलग-अलग शहरों में होता था। इस बार किसी भी थोक कारोबारी ने चाइनीज राखी नहीं मंगवाई है। थोक मंडी से राखियां खरीदने वाले दुकानदार भी सिर्फ स्वेदशी की मांग कर रहे हैं।

सात से लेकर एक हजार रुपये दर्जन तक की राखियां

थोक बाजार में सात रुपये दर्जन से लेकर एक हजार रुपये दर्जन तक की राखियां मौजूद हैं। लाइट व म्यूजिक, बुटिक, चंदन, लकड़ी, रुद्राक्ष, मोतियों, रूबी और रंग-बिरंगे पत्थरों को रेशमी धागे में पिरोकर बनाई गई राखियों की चमक से बाजार गुलजार है। थोक बाजार में सात से लेकर एक हजार रुपये दर्जन तक की राखियां मौजूद हैं, जबकि फुटकर में तीन से सौ रुपये तक की राखियां बिक रही है।

chat bot
आपका साथी