मिड-डे-मील में शकरकंद का व्यंजन परोस बच्चों को बनाएंगे सेहतमंद Gorakhpur News
सुनहरी शकरकंद से तैयार होने वाले पौष्टिक व्यंजन अब स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र पर भी परोसे जाएंगे। जिला प्रशासन इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। शासन से मंजूरी मिलते ही शकरकंद के व्यंजनों को परिषदीय विद्यालयों के मिड-डे-मील और आंगनबाड़ी के हाटकुक्ड योजना में शामिल किया जाएगा।
गोरखपुर, नवनीत प्रकाश त्रिपाठी। सुनहरी शकरकंद से तैयार होने वाले पौष्टिक व्यंजन अब स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र पर भी परोसे जाएंगे। जिला प्रशासन इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। शासन से मंजूरी मिलते ही शकरकंद के व्यंजनों को परिषदीय विद्यालयों के मिड-डे-मील और आंगनबाड़ी के हाटकुक्ड योजना में शामिल किया जाएगा।
डायरिया से बचाव में होगा कारगर, फरवरी में आयोजित होगा शकरकंद महोत्सव
सुनहरी शकरकंद की प्रजाति विकसित करने वाले कृषि वैज्ञानिक डा. रामचेत चौधरी के मुताबिक मात्र सौ ग्राम सुनहरी शकरकंद के सेवन से शरीर के लिए जरूरी विटामिन ए की भरपाई हो जाती है। इसमें गाजर की तुलना में दोगुना बीटा कैरोटीन पाया जाता है। बीटा कैरोटीन ऐसा तत्व है, जो शरीर में विटामिन ए की जरूरतों को पूरा करता है। इसके व्यंजनों और उससे होने वाले फायदे की जानकारी देने के लिए फरवरी के दूसरे सप्ताह में गोरखपुर में शकरकंद महोत्सव भी आयोजित करने की तैयारी चल रही है।
सुनहरी शकरकंद में मिलते हैं ये पौष्टिक तत्व
डा. रामचेत के मुताबिक गोरखपुर और आसपास के जिलों में लो लैंड की वजह से बच्चों में डायरिया की समस्या अधिक होती है। इसके इलाज में विटामीन ए की अहम भूमिका होती है और सुनहरी शकरकंद इसका प्रमुख स्रोत है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेड, वसा, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी 6, फोलेट, विटामिन सी और ई, कैल्शियम, मैगनीशियम सहित कई अन्य पौष्टिक तत्व भी पाए जाते हैं।
सुनहरी शकरकंद बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके व्यंजनों का प्रचार-प्रसार करने तथा उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फरवरी में शकरकंद महोत्सव भी आयोजित होने जा रहा है। - डा. डीके वर्मा, उप निदेशक उद्यान