बुखार के साथ बच्चों की आंखें भी हो रहीं लाल, समय से इलाज न होने पर हो सकता है खतरा
गोरखपुर के जिला अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कालेज के में बच्चों की संख्या बढ़ रही है। बच्चों को बुखार व उल्टी-दस्त की दिक्कत होने पर पहले स्वजन अपने आसपास दवा करा रहे हैं जब स्थिति गंभीर हो रही है तो मेडिकल कालेज लेकर पहुंच रहे हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। इस समय बच्चे डायरिया व निमोनिया के शिकार हो रहे हैं। अगर समय से इलाज शुरू नहीं हुआ तो उल्टी दस्त और बुखार के साथ आंखें भी लाल हो रही हैं। मौसम नम होने से बैक्टीरिया, वायरस सक्रिय हो गए हैं। यह बच्चों के साथ बड़ों को भी बीमार कर रहे हैं। प्रतिदिन बाल रोग विभाग के ओपीडी में लगभग डेढ़ सौ बच्चे आ रहे हैं। जबकि सामान्य दिनों में इनकी संख्या सौ के आसपास होती है। विशेषज्ञों ने साफ-सफाई व हाथों की धुलाई पर ध्यान देने की सलाह दी है।
मेडिकल कालेज में बढ़ रही है ऐसे बच्चों की संख्या
जिला अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के ओपीडी में बच्चों की संख्या बढ़ रही है। बच्चों को बुखार व उल्टी-दस्त की दिक्कत होने पर पहले स्वजन अपने आसपास दवा करा रहे हैं, जब स्थिति गंभीर हो रही है तो जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज लेकर पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. जेएसपी सिंह का कहना है कि कई वायरस हवा में घुलकर बच्चों को बीमार कर रहे हैं। बच्चों का नियमित टीका उन्हें जरूर लगवाएं। बारिश की वजह से दिक्कतें हैं ही, अब मौसम बदलने लगा है, इससे दिक्कतें और बढ़ेंगी। इसलिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।
यह वायरस कर रहा है परेशान
बीआरडी मेडकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ डा. भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि डायरिया, रोटा वायरस के जरिये फैलती है। इसमें बुखार के साथ आंखें लाल होना, मुंह के अंदर सफेद धब्बे होना, त्वचा पर लाल दानें निकलने की समस्या आने लगती है। इलाज में देरी या गलत लोगों से इलाज कराने की वजह से बच्चों की तबीयत ज्यादा गंभीर हो रही है। इस समय बच्चों को गंदगी, धृूप व नमी वाले स्थानों से बचाने की जरूरत है।
बच्चों में हो रहीं ये दिक्कतें
कम या तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में दर्द, खांसी, सर्दी, बलगम आना व कमजोरी।
बचाव के उपाय
धूप व नमी से बचाएं
ताजा भोजन व शुद्ध पानी पिलाएं
घर के आसपास सफाई रखें
कुछ भी खिलाने के पूर्व ठीक से हाथ धुलें
बच्चों को बाहर आने-जाने वालों से दूर रखें
निश्शुल्क लग रहा निमोनिया का टीका
स्वास्थ्य विभाग अभी तक बच्चों को 11 टीके लगाता था। अब इनकी संख्या 12 हो गई है। इसमें निमोनिया का टीका जोड़ दिया गया है। विभाग इन टीकों को निश्शुल्क लगाता है। बाजार में निमोनिया के टीका का शुल्क लगभग तीन हजार रुपये है।
जरूर लगवाएं बच्चों को ये टीका
जन्म के समय- बीसीजी, पोलियो और हेपेटाइटिस-बी।
जन्म से छह सप्ताह पर- पोलियो, रोटा वायरस, आइपीवी, पेंटावैलेंट, पीसीवी।
जन्म से 10 सप्ताह पर- पोलियो, रोटा वायरस, पेंटोवैलेंट
जन्म से 14 सप्ताह पर - पोलियो, रोटा वायरस, आइपीवी, पेंटावैलेंट, पीसीवी।
नौ से 12 महीने पर - मीजेल्स-रुबैला, पीसीवी-बूस्टर डोज और जापानी इंसेफ्लाइटिस।
14 से 24 महीने पर - पोलियो बूस्टर डोज, मीजेल्स रुबैला, डीपीटी बूस्टर और जापानी इंसेफेलाइटिस।
पांच से छह साल के बीच डीपीटी- बी।
10 साल की उम्र पर - टीडी।
16 साल की उम्र पर लगने वाला टीडी टीका।
बच्चों को बीमारियों के बचाने के लिए नियमित टीकाकरण अभियान चल रहा है। हर बुधवार व शनिवार को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगाया जा रहा है। जिला महिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कालेज व एम्स में रोज टीका लगाया जा रहा है। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।