कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों को जल्द मिलेगी आर्थिक मदद

कोरोना के कारण निराश्रित हुए जिले के 57 और बच्चों के अभिभावकों के खाते में जल्द ही 12-12 हजार रुपये भेजे जाएंगे। 31 जुलाई को जिलाधिकारी विजय किरण आनंद की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस सूची को अनुमोदन मिल जाने की उम्मीद है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:02 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:02 AM (IST)
कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों को जल्द मिलेगी आर्थिक मदद
कोरोना से न‍िराश्र‍ित बच्‍चों को शीघ्र सहायता म‍िलेगी। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना के कारण निराश्रित हुए जिले के 57 और बच्चों के अभिभावकों के खाते में जल्द ही 12-12 हजार रुपये भेजे जाएंगे। 31 जुलाई को जिलाधिकारी विजय किरण आनंद की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस सूची को अनुमोदन मिल जाने की उम्मीद है। उसके बाद धनराशि खाते में भेज दी जाएगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 176 बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 176 बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजी जा चुकी है धनराशि

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरूआत होने के साथ ही 176 बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी गई थी। इसके बाद 57 और बच्चे चिन्हित हुए। ब्लाकों से उनकी रिपोर्ट जिला मुख्यालय तक आ चुकी है और सूची बन चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही उनके खाते में भी धनराशि भेज दी जाएगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह ने बताया कि बच्चों को चिन्हित करने का काम अभी भी चल रहा है। जो भी बच्चे कोरोना के चलते निराश्रित हुए हैं, उन्हें सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत शून्य से 18 साल के वैध संरक्षक के खाते में चार हजार रुपये हर माह भेजे जाते हैं। लड़कियों के शादी योग्य होने पर एक लाख एक हजार रुपये की सहायता एकमुश्त मिलेगी।

निराश्रित बच्चों से मिले नगर विधायक

नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल को जटेपुर उत्तरी से एक विधवा महिला ने फोन कर मदद की गुहार लगाई। नगर विधायक उनके घर पहुंचे और महिला तथा उनके बच्चों से मुलाकात की। कोरोना के कारण महिला के पति का अप्रैल में ही निधन हो गया था। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला है। नगर विधायक ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को फोन कर नाराजगी जताई और बच्चों को जल्द आर्थिक मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जिला प्रोबेशन अधिकारी का कहना है कि तहसील स्तर पर रिपोर्ट लंबित है। रिपोर्ट मिलते ही आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

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