Chief Secretary said: गोरखपुर में समय से पूरी की जाएं 10 करोड़ से ऊपर की परियोजनाएं
मुख्य सचिव ने कहा कि जो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और उनके संचालन के लिए मानव संसाधन उपकरण एवं फर्नीचर की जरूरत है उसकी व्यवस्था कर संचालन शुरू किया जाए जिससे लोगों का उसका उपयोग करने के लिए इंतजार न करना पड़े।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गोरखपुर में संचालित 10 करोड़ रुपये से ऊपर की विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी कार्यों को समय से पूरा करने को कहा और जरूरी संसाधन जुटाने का निर्देश दिया। संबंधित विभागों से कहा कि परियोजनाओं के लागत की शेष धनराशि को समय से उपलब्ध करा दिया जाए। गोरखपुर के अधिकारी मंडलायुक्त सभागार में इस समीक्षा बैठक से जुड़े थे।
पूरी हो चुकी परियोजनाओं का तत्का संचालन की जरूरत
मुख्य सचिव ने कहा कि जो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और उनके संचालन के लिए मानव संसाधन, उपकरण एवं फर्नीचर की जरूरत है, उसकी व्यवस्था कर संचालन शुरू किया जाए, जिससे लोगों का उसका उपयोग करने के लिए इंतजार न करना पड़े। सभी परियोजनाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी होनी चाहिए। कहा कि जिन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अभी और धनराशि की जरूरत है और अबतक मिली धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र दिया जा चुका है, उनके लिए अतिरिक्त धनराशि संबंधित विभाग तत्काल उपलब्ध कराएं। इसमें देरी नहीं होनी चाहिए।
अधिकारियों ने दी जानकारी
समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव को बताया गया कि गोरखपुर-महराजगंज-निचलौल मार्ग पर विभिन्न पैच में सीसी रोड का निर्माण करीब 95 फीसद पूरा किया जा चुका है। सोनौली-नौतनवां-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग के फोरलेन का कार्य करीब 94 फीसद पूरा हो चुका है। 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर में 200 लोगों की क्षमता का बैरक बनकर तैयार है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि बांसगांव में 50 बेड के संयुक्त चिकित्सालय एवं 100 बेड टीबी अस्पताल के सभी कार्य पूरे कर जल्द से जल्द क्रियाशील किए जाएं।
वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स को तत्काल पूरा करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने रामगढ़ताल क्षेत्र में बन रहे वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स एवं ताल में मनोरंजन से जुड़ी योजना के कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने को कहा। बैठक में लखनऊ से पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव नितिन गोकर्ण, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव नियोजन अमोद कुमार, गोरखपुर से मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन, मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह आदि अधिकारी शामिल रहे।