निराश्रित बच्चों के लिए सीएम ने की अभिनव पहल
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी ने गुरुवार को निरीक्षण भवन में जनता की समस्याओं को सुना और उसके निस्तारण संबंधित निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कोरोना महामारी के कारण निराश्रित हुए बचों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास को अभिनव पहल बताते हुए उसकी सराहना की।
सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी ने गुरुवार को निरीक्षण भवन में जनता की समस्याओं को सुना और उसके निस्तारण संबंधित निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कोरोना महामारी के कारण निराश्रित हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास को अभिनव पहल बताते हुए उसकी सराहना की।
डा. द्विवेदी ने कहा कि कोरोना की विभीषिका के कारण प्रदेश में कई बच्चों के माता-पिता का असमय देहांत हो गया है। ऐसे बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा सहित विकास के सभी संसाधन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने ली है। बच्चों के प्रति संवेदना का भाव रखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है। ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक ही जीवित थे, अथवा विधिक अभिभावक जिनको खो दिए हों और जो अनाथ हो गए हैं, उनकी समुचित देखभाल राज्य सरकार करेगी।
सरकार बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को चार हजार रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता, दस वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, उनको प्रदेश सरकार, भारत सरकार की सहायता से व अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी। इसके लिए मथुरा, लखनऊ प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में राजकीय बाल गृह (शिशु) संचालित हैं। अवयस्क बालिकाओं की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी। इनकी देखभाल और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंध होंगे। बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए रुपये 1,01,000 की राशि उपलब्ध कराएगी। स्कूल अथवा कालेज में पढ़ रहे अथवा व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट/लैपटाप की सुविधा उपलब्ध कराएगी। दीप नारायण त्रिपाठी, कृष्णा मिश्रा, मनोज मौर्या, रामानंद मिश्रा, राम कृपाल चौधरी, रमेश पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।