Coronavirus: सस्ती दवा बाजार में उपलब्‍ध, कोरोना मरीजों को मिलेगी राहत Gorakhpur News

मरीज को 14 दिन में 122 टेबलेट लेनी है। पहले दिन 18 टेबलेट इसके बाद प्रतिदिन आठ टेबलेट खानी होती है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 08:30 AM (IST)
Coronavirus: सस्ती दवा बाजार में उपलब्‍ध, कोरोना मरीजों को मिलेगी राहत  Gorakhpur News
Coronavirus: सस्ती दवा बाजार में उपलब्‍ध, कोरोना मरीजों को मिलेगी राहत Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। बाजार में इस मर्ज की और सस्ती दवा आ गई है। फेविलो नाम की इस दवा की कीमत मात्र 35 रुपये प्रति टेबलेट है। इससे पहले बाजार में कोरोना की सबसे सस्ती दवा फेबिफ्लू 65 रुपये प्रति टेबलेट थी। यानी फेविलो से मरीजों के इलाज का खर्च लगभग आधा हो जाएगा। दोनों दवाओं में एक ही साल्ट का इस्तेमाल किया गया है, जिसका नाम फेविपिराविर है। कंपनी अलग होने के नाते दवा का ब्रांड नाम अलग है।

ग्लेनमार्क कंपनी ने पहले 200 एमजी फिर 400 एमजी पावर वाली फेबिफ्लू लांच की। 200 एमजी वाली गोली की कीमत 65 रुपये और 400 एमजी वाली 98.50 रुपये की है। 400 एमजी की टेबलेट से खुराक आधी हो जाती है और 122 के बजाए 61 गोली ही खानी होती है। एमएसएन कंपनी की फेविलो फिलहाल 200 एमजी में ही आई है। चूंकि फेविलो की कीमत 35 रुपये ही है, ऐसे में 400 एमजी वाली खुराक के मुकाबले फेविलो से इलाज का खर्च करीब 30 फीसद कम हो जाएगा।

यह है डोज

कंपनी ने फेविलो का भी वही डोज निर्धारित किया है, जो फेबिफ्लू का है। मरीज को 14 दिन में 122 टेबलेट लेनी है। पहले दिन 18 टेबलेट, इसके बाद प्रतिदिन आठ टेबलेट खानी होती है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ.राजेश कुमार ने बताया कि हल्के लक्षण में यह दवा काफी कारगर है।

डॉक्टर भी लिखने लगे

दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय उपाध्याय व दवा व्यापारी हर्ष बंका ने बताया कि फेविलो भालोटिया में आ चुकी है। डॉक्टर भी यह दवा लिखने लगे हैं, इसलिए मांग भी बढ़ी है।

मेडिकल कॉलेज में पहुंची 300 वायल रेमडेसिविर दवा

बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। बुधवार को 300 वायल रेमडेसिविर दवा कॉलेज प्रशासन को मिल गयी। अब गंभीर मरीजों का आसानी से इलाज हो सकेगा। 10 दिन पहले आयी 75 वायल दवा खत्म होने से मरीजों के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो गया था। मेडिकल कॉलेज में मरीजों को यह दवा (इंजेक्शन) मुफ्त दी जाती है, जबकि बाजार में इसकी कीमत 3600 से 4000 रुपये है। हालांकि बाजार में भी यह दवा खत्म हो गई है। दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया के अनुसार 16 अगस्त तक दवा आने की उम्मीद है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.गणेश कुमार ने बताया कि शासन ने 300 वायल रेमडेसिविर भेज दिया है, इससे 50 गंभीर मरीजों का इलाज हो सकेगा। आइवरमेक्टिन भी हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

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