हाईप्रोफाइल मामले में अब तक दाखिल नहीं हुई चार्जशीट, जमानत लेकर घूम रहे आरोपित

चार माह पूर्व कैंपियरगंज के भौराबारी में नेपाली नागरिकों का आधारकार्ड बनाए जाने के प्रकरण में महराजगंज पुलिस एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। इस हाई प्रोफाइल मामले का क्राइम ब्रांच द्वारा पर्दाफाश किए जाने के बाद से विवेचना की रफ्तार सुस्त है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 02:10 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 02:10 PM (IST)
हाईप्रोफाइल मामले में अब तक दाखिल नहीं हुई चार्जशीट, जमानत लेकर घूम रहे आरोपित
नेपाली नागरिकों का आधारकार्ड बनाए जाने के प्रकरण में पुलिस हो गई सुस्‍त। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : चार माह पूर्व कैंपियरगंज के भौराबारी में नेपाली नागरिकों का आधारकार्ड बनाए जाने के प्रकरण में महराजगंज पुलिस एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। इस हाई प्रोफाइल मामले का क्राइम ब्रांच द्वारा पर्दाफाश किए जाने के बाद से विवेचना की रफ्तार सुस्त है। देश की सुरक्षा से जुड़े इस प्रकरण में लापरवाही का आलम यह है कि 136 दिन बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकी है।

जमानत लेकर आराम से हैं आरोपित

चारों आरोपित जमानत लेकर बेखौफ घूम रहे हैं। विवेचक परमाशंकर यादव का आरोप है कि माह भर पूर्व फरेंदा डाकघर से आधारकार्ड के संबंध में सूचना मांगी गई थी, लेकिन अब तक विभाग द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके चलते विवेचक ने फरेंदा डाकघर को पुन: रिमाइंडर भेजा है । इस मामले में पुलिस व डाक विभाग द्वारा जिस तेजी से जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया वह समय के साथ धीमी पड़ गई है। चार माह का समय बीत जाने के बाद भी आरोपित बेखौफ घूम रहे हैं। सोनौली के बाल्मीकिनगर निवासी दिलशाद, गोरखपुर के भौराबारी निवासी विमलेश विश्वकर्मा और सोनौली निवासी आटो चालक अमरनाथ जमानत लेकर बाहर आ गए हैं। मास्टर माइंड कमलेश भी अंतरिम जमानत पर है।

डाक सहायक की आइडी का इस्तेमाल किए थे जालसाज

नेपाली नागरिकों का आधारकार्ड बनाए जाने के मामले में शातिर कमलेश व विमलेश विश्वकर्मा फरेंदा के डाक सहायक सुदीप कुमार की आइडी का इस्तेमाल करते थे। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) से जारी इस आइडी से जालसाजों ने बड़ी संख्या में नेपाली नागरिकों का आधारकार्ड जारी किया था। सुदीप कुमार की आइडी व रबर थंब इमप्रेशन भी कमलेश के पास से बरामद हुआ था । जालसाजी के खेल में दोनों भाई यूं ही सफल नहीं हुए। दोनों फरेंदा डाकघर में बतौर दलाल विभागीय अधिकारियों द्वारा रखे गए थे। बिना लिखा पढ़ी की दोनों भाई डाकघर के अधिकांश कार्यों को अंजाम देते थे।

फरेंदा डाकघर में जांच करने पहुंची थी यूआइडीएआइ की टीम

इस प्रकरण का खुलासा होने के बाद यूआइडीएआइ की टीम फरेंदा डाकघर में जांच करने पहुंची थी। इस दौरान डाक सहायक सुदीप कुमार की आइडी को लाक कर दिया गया था। जिसके चलते आठ मार्च से ही डाकघर से आधारकार्ड बनाने का कार्य बंद हो गया था। डाक सहायक सुदीप कुमार का भी स्थानांतरण कर दिया गया है, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते फिलहाल उन्हें रिलीव नहीं किया गया है।

आधार कार्ड मामले की हो रही जांच

विवेचक परमाशंकर यादव ने कहा कि आधारकार्ड मामले की जांच की जा रही है। फरेंदा डाकघर से अब तक बने आधारकार्ड सहित अन्य जानकारियां मांगी गईं हैं। जिसे विभाग द्वारा अभी तक पुलिस को सौंपा नहीं गया है। सूचना के लिए पुन: रिमाइंडर भेजा गया है।

सात मार्च से ही नहीं बन रहा आधार कार्ड

आनंदनगर के डाक इंस्पेक्टर आरडी यादव ने कहा कि विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) की टीम पूरे प्रकरण की जांच करने फरेंदा डाकघर आई थी। सात मार्च से ही डाकघर से आधारकार्ड नहीं बन रहा है। पूरे मामले की पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।

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