महिला सशक्तीकरण के लिए सोच में परिवर्तन जरूरी

शिवपति स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में बुधवार को महिलाओं के विधिक सशक्तिकरण हेतु सेमिनार का आयोजन किया गया। घरेलू हिसा कानून के बारे में जानकारी दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 11:55 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 11:55 PM (IST)
महिला सशक्तीकरण के लिए  सोच में परिवर्तन जरूरी
महिला सशक्तीकरण के लिए सोच में परिवर्तन जरूरी

सिद्धार्थनगर : शिवपति स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में बुधवार को महिलाओं के विधिक सशक्तिकरण हेतु सेमिनार का आयोजन किया गया। घरेलू हिसा कानून के बारे में जानकारी दी गई।

सेवानिवृत्त डीआइजी रतन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाएं व युवतियां घरेलू हिसा और कार्य स्थल पर डरे नहीं। कोई भी चीज अप्रिय लगने पर इसका शिकायत करें। महिलाओं के सशक्तीकरण एवं घरेलू हिसा से बचाने के लिए सामाजिक सोच में परिवर्तन लाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिसा से संरक्षण अधिनियम-2005 के अंतर्गत महिलाओं को सुरक्षा व संरक्षण मिलता है। प्राचार्य डा. अरविद कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से समाज में जागरूकता पैदा होती है। उन्होंने कहा कि कानून और उसकी उपयोगिता समाज के लिए होती है। बालिकाओं को सशक्त बनना पड़ेगा। बीडीओ सतीश कुमार सिंह ने कहा कि सभी महिलाएं अपने कार्यस्थल पर बिना हिचके अपनी बात बेबाकी से रखें। किसी भी परेशानी के आने पर महिलाएं 112 नंबर डायल करें। सेमिनार को प्रधानाचार्य डा. नलिनीकांत मणि त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। संचालन सगीर ए खाकसार ने किया। इस दौरान डा. राज नरायन उपाध्याय, विकास सिंह, दिनेश मिश्र, शमशाद अहमद, शम्भूनाथ त्रिपाठी, मास्टर करम हुसैन इदरीसी, मुस्तिन शेरुल्लाशह, मिशन शक्ति के उपनिरीक्षक रविकांत मणि त्रिपाठी, कांस्टेबल महिमा सिंह, प्रतिभा पांडेय, डा. धर्मेंद्र सिंह, रविकांत मणि त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। बालिकाओं के लिए विधिक शिक्षा जरूरी : न्यायाधीश

सिद्धार्थनगर : विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन बुधवार राजकीय महाविद्यालय चौखड़ा में हुआ।मुख्य न्यायाधीश सिविल जज सीनियर डिवीजन चन्द्रमणि की अध्यक्षता में शिविर लगाया गया। न्यायाधीश ने बालिकाओं को शिक्षा के साथ विधिक शिक्षा की आवश्यकता पर विस्तृत जानकारी दी। महाविद्यालय में विधिक महिला क्लीनिक के गठन करने का भी निर्देश दिया। जय शंकर प्रसाद ने लोक अदालत की महत्ता विषयक जानकारी के साथ दहेज उत्पीड़न, ड्राइविग और एक्सीडेंट विषय पर जानकारी दी। नायब तहसीलदार आनंद ओझा ने स्वमित्व योजना के विषय में बताया। देवेन्द्र कुमार राठौर ने विधिक शिक्षा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए राजस्व विभाग की कन्या सुमंगला, कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।महाविद्यालय के प्राचार्य रवीन्द्र प्रसाद मिश्र ने समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं के जीवनी से परिचित कराया और बालिकाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। डा. चंद्रकांत मिश्रा, अमरनाथ, कुमार, मालिकराम, क्षेत्रीय लेखपाल अम्बिका प्रसाद, विवेक कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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