नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी से जुड़ी गोरखपुर विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपनी सेंट्रल लाइब्रेरी को नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आफ इंडिया से जोड़ दिया है। ऐसा होने के बाद अब विश्वविद्यालय के विद्यार्थी ई-लाइब्रेरी के माध्यम से दुनिया भर के लेखकों और प्रकाशकों की चार करोड़ से अधिक पुस्तकें आनलाइन पढ़ सकेंगे।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अपने विद्यार्थियों को दुनिया भर की ख्यातिलब्ध पुस्तकें उपलब्ध कराने के नजरिए से दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपनी सेंट्रल लाइब्रेरी को नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आफ इंडिया से जोड़ दिया है। ऐसा होने के बाद अब विश्वविद्यालय के विद्यार्थी ई-लाइब्रेरी के माध्यम से दुनिया भर के लेखकों और प्रकाशकों की चार करोड़ से अधिक पुस्तकें आनलाइन पढ़ सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों को अब आनलाइन उपलब्ध होंगी चार करोड़ से अधिक किताबें
नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा लेने के लिए विद्यार्थी को कहीं और नहीं विश्वविद्यालय की वेबसाइट http://ddugu.ac.in/collectionEResources पर जाना होगा। विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर नेशनल लाइब्रेरी का लिंक उपलब्ध करा दिया है। कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन ने एक बहुत ही सराहनीय कदम उठाते हुए ई-लाइब्रेरी की सुविधा सभी को उपलब्ध करा दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसी व्यवस्था का लाभ उठाया है और नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी से अपनी सेंट्रल लाइब्रेरी से लिंक कर दिया है। इससे विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी और समृद्ध् हो गई है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले और शोधार्थियों को इस सुविधा से विशेष लाभ मिलेगा।
विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ ले सकेंगे विद्यार्थी
प्रो. सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अलावा विद्यार्थी www.ndl.gov.in और www.ndliitkgp.ac.in पर भी जाकर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की पुस्तकें आनलाइन हासिल कर सकते हैं। इस लाइब्रेरी का प्रयोग करने से पहले विद्यार्थियों को इन बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। अगर विद्यार्थी नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी के लिए रजिस्टर्ड नहीं है तो पहले वेबसाइट पर जाकर खुद को पंजीकृत करना होगा। उसके बाद बनने वाले लागिन व पासवर्ड से वह लाइब्रेरी की सुविधा प्राप्त कर सकता है। कुलपति ने उम्मीद जताई है कि अधिक से अधिक विद्यार्थी इसका लाभ अपने अध्ययन के लिए उठाएंगे और विश्वविद्यालय का मान बढ़ाएंगे।