प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार कर रहा सीबीएसई

सीबीएसई ने विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने से पहले उन्हें तैयार करने की पहल शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत स्कूलों में प्री-बोर्ड परीक्षाओं के जरिए हो चुकी है। जहां पहली बार विद्यार्थी ओएमआरशीट पर बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र प्रणाली पर आधारित प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 12:15 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 01:02 PM (IST)
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार कर रहा सीबीएसई
सीबीएसई अपने छात्रों को प्रत‍ियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवा रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने से पहले उन्हें तैयार करने की पहल शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत स्कूलों में प्री-बोर्ड परीक्षाओं के जरिए हो चुकी है। जहां पहली बार विद्यार्थी ओएमआरशीट पर बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र प्रणाली पर आधारित प्रश्नों का उत्तर देकर न सिर्फ बोर्ड परीक्षा का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं बल्कि स्वयं को भविष्य में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार कर रहे हैं।

दो चरणों में होगी परीक्षा

कोरोना को देखते हुए सीबीएसई सत्र 2021-22 की बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों में कराने की घोषणा की है। जिसमें पहले और दूसरे चरण की परीक्षाओं में 50-50 फीसद पाठ्यक्रम पर आधारित प्रश्न आएंगे। पहले चरण की परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र प्रणाली के तहत होगी।

ओएमआर शीट पर होगी पहले चरण की परीक्षा

सीबीएसई द्वारा पहले चरण की परीक्षा ओएमआर शीट पर कराने की घोषणा पूर्व में ही की जा चुकी है। बोर्ड के इसी निर्णय को देखते हुए शहर में बोर्ड द्वारा संचालित 117 विद्यालयों ने अपने-अपने स्कूल की प्री-बोर्ड को ओएमआर शीट पर कराना शुरू कर दिया है।

ओएमआर शीट पर प्री-बोर्ड व पहले चरण की बोर्ड परीक्षा कराने का सीबीएसई का निर्णय विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में मील का पत्थर साबित होगी। परीक्षाएं बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र प्रणाली पर आधारित होनी है। इसलिए स्कूल भी प्री-बोर्ड की परीक्षा ओएमआर शीट पर करा रहे हैं, ताकि विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा का अभ्यास कर सकें। - अजीत दीक्षित, जिला समन्वयक, सीबीएसई।

अधिकतर प्रतियोगी परीक्षाएं ओएमआर शीट पर ही होती हैं। ऐसे में सीबीएसई द्वारा पहली बार की जा रही यह पहल शुरू में विद्यार्थियों के लिए कठिन जरूर होगी, लेकिन आने वाले समय में उनके लिए काफी कारगर साबित होगी। साथ ही विद्यार्थी अपने को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से तैयार कर सकेंगे। - अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन।

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