CBSE New Syllabus 2021-22: नए पाठ्यक्रम से बदल जाएगा पढ़ने-पढ़ाने का तरीका, साल में दो टर्म में आयोजित होगी परीक्षा

CBSE New Syllabus 2021-22 केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा नौवीं से 12वीं तक का संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर दिया है। नई मूल्यांकन नीति के अनुसार तैयार यह पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 में होने वाली परीक्षा के लिए टर्मवार लागू किया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:35 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:30 AM (IST)
CBSE New Syllabus 2021-22: नए पाठ्यक्रम से बदल जाएगा पढ़ने-पढ़ाने का तरीका, साल में दो टर्म में आयोजित होगी परीक्षा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा नौवीं से 12वीं तक का संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर दिया है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। CBSE New Syllabus 2021-22: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा नौवीं से 12वीं तक का संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर दिया है। नई मूल्यांकन नीति के अनुसार तैयार यह पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 में होने वाली परीक्षा के लिए टर्मवार लागू किया गया है। बोर्ड ने सभी विषयों का संशोधित पाठ्यक्रम भी अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया है। नए पाठ्यक्रम से छात्रों के पढ़ने व शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका बदल जाएगा।

पहले टर्म की नवंबर-दिसंबर व दूसरे टर्म की मार्च-अप्रैल में होगी परीक्षा

सीबीएसई ने कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के लिए पाठ्यक्रम को दो टर्म में विभाजित करने व पूरा पाठ्यक्रम भी कम करने का निर्णय लिया है। आधिकारिक वेबसाइट पर जारी अधिसूचना के मुताबिक 50 फीसद पाठ्यक्रम टर्म एक के लिए और शेष 50 फीसद दूसरे टर्म में पूरा किया जाएगा। पहले टर्म की परीक्षा नवंबर-दिसंबर में होगी, जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल में आयोजित होगी।

ऐसी होगी परीक्षा

बोर्ड ने संशोधित पाठ्यक्रम जारी करने के साथ विद्यार्थियों व अभिभावकों को सलाह दी है कि वह संशोधित पाठ्यक्रम की और अधिक जानकारी के लिए संबंधित शिक्षकों के संपर्क में रहे। वहीं विद्यार्थी ध्यान दें कि टर्म एक बहुविकल्पीय आधारित होगा, जबकि टर्म दो सब्जेक्टिव या एमसीक्यू (मल्टीपल च्वायस कोश्चन), दोनों या एक पर आधारित हो सकता है। जो परिस्थिति पर निर्भर करेगा।

यह होगा बदलाव

यदि बोर्ड द्वारा बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर परीक्षा आयोजित की जाती है तो पठन-पाठन का तरीका पहले से अलग हो जाएगा। साथ ही छात्रों को विषय को और अधिक गहराई से समझने की जरूरत होती। जबकि यदि सब्जेक्टिव प्रश्नों के आधार पर बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय लेता है तब भी पढ़ाई का प्रारूप बदल जाएगा।

सीबीएसई द्वारा दो टर्म में परीक्षा आयोजित होने से परीक्षा की प्रक्रिया अधिक सुनियाेजित हो जाएगी। ऐसे में बोर्ड को अगले वर्ष 10वीं व 12वीं का परीक्षा का परिणाम घोषित करने में आसानी होगी। -अजीत दीक्षित, जिला समन्वयक, सीबीएसई।

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