जिसे बेटे की तरफ पाला, उसी ने पति की मौत के दूसरे दिन कर दी वृद्धा की हत्या Gorakhpur News

राम सिपाही की मौत के बाद विनोद को शक हो गया था कि बादामी देवी सारी संपत्ति चचेरे भाइयों के नाम कर देंगी। आरोप है कि इसी लिए उसने उन्हें मौत के घाट उतार दिया।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 06:42 PM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 06:42 PM (IST)
जिसे बेटे की तरफ पाला, उसी ने पति की मौत के दूसरे दिन कर दी वृद्धा की हत्या Gorakhpur News
जिसे बेटे की तरफ पाला, उसी ने पति की मौत के दूसरे दिन कर दी वृद्धा की हत्या Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। एक दिन पहले विधवा हुई चौरीचौरा क्षेत्र के बंसहिया निवासी 70 वर्षीय बादामी देवी की हत्या के मामले में उनके जेठ के तीन बेटों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज हुआ है। मुख्य आरोपित को पुलिस ने घटना के बाद ही गिरफ्त में ले लिया था। दो अन्य की अभी तलाश चल रही है। तहरीर में संपत्ति के लिए वृद्धा की हत्या करने का आरोप लगाया गया है।

बादामी देवी के पति राम सिपाही यादव सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त थे। वे तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। काफी दिन से वह बीमार चल रहे थे। मंगलवार को उनका निधन हो गया था। बुधवार की शाम को पट्टीदरी के लोगों ने उनके घर खाना (दूध का भात) खाया था। रात में बादमी देवी देवर राजपति के बेटे आजाद के साथ जूठे पत्तल फेंकने जा रही थीं। अभी वह घर से थोड़ी ही दूर गई थीं कि कुल्हाड़ी लेकर पहुंचे जेठ गामा यादव के बेटे विनोद ने उन पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया और फरार हो गया। हालांकि कुछ ही घंटों के अंदर चौरीचौरा पुलिस ने विनोद को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में राजपति के पुत्र आजाद ने विनोद और उसके भाइयों प्रमोद तथा मनोज के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। दो अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।

संपत्ति के लिए कर दी हत्‍या

बादामी देवी की कोई संतान नहीं है। उनके पति राम सिपाही यादव पहले विनोद को बेटे की तरह अपने साथ रखते थे। बताते हैं कि उन्होंने अपनी सारी जायदाद का उसे लिखित तौर पर वारिस घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में कुछ लोगों के समझाने पर राम सिपाही यादव ने विनोद की जगह पत्नी को वारिस बना दिया। इसकी जानकारी होने पर विनोद ने राम सिपाही यादव के साथ मारपीट कर दी थी। इसके बाद से ही राम सिपाही, पत्नी के साथ छोटे भाई राजपति यादव के परिवार के साथ रहने लगे। मंगलवार का राम सिपाही की मौत के बाद विनोद को शक हो गया था कि बादामी देवी सारी संपत्ति चचेरे भाइयों के नाम कर देंगी। आरोप है कि इसी लिए उसने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। 

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