अस्तित्व खोने के कगार पर नहरें, अतिक्रमण से भी बिगड़ी दशा- किसान चिंतित
कुशीनगर में तमकुही तहसील क्षेत्र के अधिकांश नहरें रजवाहा व माइनर सफाई और उचित देखरेख के अभाव में अपना वजूद खोने की कगार पर हैं। इन पर निर्भर किसानों को अपने फसलों की सिंचाई की चिंता सता रही है और विभाग उदासीन बना हुआ है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर में तमकुही तहसील क्षेत्र के अधिकांश नहरें, रजवाहा व माइनर सफाई और उचित देखरेख के अभाव में अपना वजूद खोने की कगार पर हैं। इन पर निर्भर किसानों को अपने फसलों की सिंचाई की चिंता सता रही है और विभाग उदासीन बना हुआ है।
प्रथम पंचवर्षीय योजना में बनी थी नहरें
आजादी के बाद प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत इन नहरों के माध्यम से हरित क्रांति लाने का प्रयास किया गया था। 1960 के दशक में इस परियोजना को मूर्त रूप देने में 3.35 अरब रुपये खर्च हुए थे। 10 साल बाद नहरें वजूद में आईं और किसानों के खेतों में पैदावार भी बढ़ी। बाद में नहरों के उचित देखभाल के अभाव में चाफ शाखा से निकलने वाली बरई राजवाहा, मीर माइनर, कोटवा माइनर, बिहार रजवाहा, बलुआ माइनर, कोटवा टिकमपार, पटहेरवा माइनर, सेंदुरियां माइनर, मीर माइनर, हरपुर माइनर, रजवाटिया माइनर, पिपरा कनक माइनर समेत कई नहरें सिल्ट और झाड़ियों से पटी हैं।
नहर में पानी न आने से खेती में आ रही मुश्किल
किसान रामउग्रह यादव, मुस्तफा, पारस नाथ शर्मा, रामेश्वर सिंह, लाल बाबू यादव आदि लोगो का कहना है नहर में पानी नहीं आने से फसलें सूखने के कगार पर हैं। नहर में पानी नहीं आने से लोग नहर के पटरियों पर अतिक्रमण भी करते जा रहे है। इससे समस्या और बढ़ती जा रही है।
अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया जाएगा अभियान
सिंचाई खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता डीएन राम बताते हैं कि नहर की पटरी पर किए गए अतिक्रमण को अभियान चलाकर हटवाया जाएगा। प्रयास किया जा रहा है, जल्दी ही सिल्ट से पटी माइनरों की सफाई कराकर पानी उपलब्ध करा किसानों की समस्या दूर कर दी जाएगी।
आंबेडकर को मानने की नहीं जानने की जरूरत
बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर के 65 वें निर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को चाइनीज बुद्ध मंदिर में एक विचार संगोष्ठी का आयोजन जनपद के परिषदीय शिक्षकों द्वारा किया गया। उद्घाटन डायट प्रवक्ता चंद्रशेखर कुमार ने किया। कहा कि बाबा साहब को मानने की नहीं बल्कि जानने की जरूरत है। उनके आदर्शों को आत्मसात करके ही व्यक्ति व समाज का सर्वांगीण विकास संभव है। मुख्य अतिथि केएनआईटी सुल्तानपुर के प्रोफेसर डा. मनोज कुमार ने कहा कि योग्यता को प्रदर्शित करने के लिए अवसर की आवश्यकता होती है और वह हमें संवैधानिक प्रदत्त अधिकार आरक्षण से मिला है। इस कारण आज समाज के वंचित,शोषित व पिछड़े समाज के लोग सरकारी सेवा में लगे हैं। यह डा. आंबेडकर की देन है। कार्यक्रम की संयोजिका रेखा रामचंद्रन ने कहा कि आधी आबादी को जागरूक किए बिना समाज को मुख्य धारा से जोड़ना संभव नहीं है। इसलिए हमें महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। अध्यक्षता डा. केशव प्रसाद व संचालन विजय कुमार भारती ने किया। आभार संतोष कुमार ने ज्ञापित किया। अंत में श्रद्धाजंलि प्रकट किया गया। रवींद्र गुप्त, राजकुमार भाष्कर, टुन्नू प्रसाद, विकास कुशवाहा,मधुलता, वरुण प्रताप सिंह, कुंवर अमरजीत सिंह, प्रमोद कुमार यादव महेश रज्जक, प्रियेश गोंड, इंद्रजीत प्रसाद,सरोज आदि उपस्थित रहे।