Gorakhpur Traffic Police: गोरखपुर पुलिस की वर्दी में कैमरा, अब हर गतिविधि की होगी रिकार्डिंग
Gorakhpur Traffic Policeअक्सर देखने सड़कों पर लोग ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से उलझते हुए नजर आते हैं। लेकिन अब ऐसा करना महंगा पड़ेगा। क्योंकि किसी ने अभद्रता की तो पूरी फुटेज कैमरे में कैद होगी जिसके आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
गोरखपुर, जेएनएन। बड़े शहरों की तर्ज पर गोरखपुर ट्रैफिक पुलिस भी अब बाडी वार्न कैमरे से लैस हो गई है। मुख्यालय से 95 कैमरे मिले हैं। एसपी ट्रैफिक ने सभी टीआइ, टीएसआइ और मुख्य आरक्षी को कैमरे वितरित दिए और उनसे कहा वाहन चेकिंग व चौराहे पर ड्यूटी के दौरान कैमरा अपने साथ जरूर रखें।
चेकिंग के दौरान सभी लोग करेंगे इस्तेमाल
अक्सर देखने सड़कों पर लोग ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से उलझते हुए नजर आते हैं। लेकिन अब ऐसा करना महंगा पड़ेगा। क्योंकि किसी ने अभद्रता की तो पूरी फुटेज कैमरे में कैद होगी, जिसके आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी। बाडी वार्न कैमरों की खासियत यह है कि रिकार्डिंग से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। एसपी ट्रैफिक रामसेवक गौतम ने बताया कि मुख्यालय से 95 कैमरा मिला है। इनमें से 60 कैमरों को टीआइ, टीएसआइ व मुख्य आरक्षी में वितरित किया गया। कैमरे को ट्रैफिक पुलिसकर्मी अपनी वर्दी में लगाएंगे जो ड्यूटी के दौरान चालू रहेंगे। यह कैमरा ट्रैफिक पुलिस के लिए बहुत मददगार साबित होगा।
कंट्रोल रूम से जुड़ जाएगा कैमरा
बॉडी वार्न कैमरा पुलिसकर्मी शर्ट पर कंधे के पास लगाएंगे। इस कैमरे के जरिए पुलिसकर्मी और नागरिकों के बीच होने वाली सभी बातचीत और वीडियो के साथ रिकार्ड होगी। जीपीएस और जीपीआरएस के जरिए इसे कंट्रोल रूम से भी जोड़ा जा सकेगा।
चौकी प्रभारी,एसएसआइ लाइन हाजिर
परिवार को प्रताडि़त करने पर खुदकुशी की कोशिश करने वाली युवती की हालत गंभीर है। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने प्रताडि़त करने के आरोपित बरगदवा चौकी प्रभारी राजकुमार सिंह व चिलुआताल थाने एसएसआइ शंभूनाथ को लाइन हाजिर कर दिया। थानेदार के भूमिका की जांच चल रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद शनिवार की रात में एसएसपी गोरखनाथ इलाके के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती युवती का हाल जानने पहुंचे। स्वजन से बातचीत की।एसपी नार्थ व सीओ कैंपियरगंज ने परिवार के आरोप की जांच की। जिसमें पता चला कि मोहरीपुर के रहने वाले सूरज के खिलाफ महराजगंज जिले के फरेंदा थाने में केस दर्ज है। डोजियर भरवाने के लिए बरगदवा चौकी प्रभारी राजकुमार सिंह उसे ढूंढ रहे थे। सूरज के न मिलने पर उसके बड़े भाई और पिता को थाने उठा लाए। परिवार के लोग पहुंचे तो उनसे अभद्रता की। एसएसआइ शंभूनाथ को जानकारी देने पर उन्होंने बदसलूकी की। एक दिन बाद थानेदार ने सूरज के पिता को छोड़ दिया लेकिन भाई को बैठाए रखा।चौकी प्रभारी व एसएसआइ परिवार की महिलाओं को फोन कर सूरज को थाने भेजने का दबाव बनाते रहे।जिससे आजिज आकर 18 जून की शाम को सूरज की बहन फंदे से लटक गई। भाभी के शोर मचाने पर पहुंचे पड़ोसियों ने रस्सी काटकर नीचे उतारा और अस्पताल ले गए।