UP Panchayat Election 2021: सी-प्लान से अराजक तत्वों पर लगाम कसेगी पुलिस
UP Panchayat Election 2021 चुनाव में गांवों में अराजकता करने वाले लोगों को चिह्नित कर उनकी सूची बनाने में पुलिस जुट गई है। इसके अलावा गांवों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए पुलिस अपने सी-प्लान को और सक्रिय करने पर जोर दे रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल भले ही अभी नहीं बजा है, लेकिन राजनीतिक पार्टी से लेकर दावेदार तक अपनी तैयारी जोरों पर कर रहे हैं। पुलिस भी आगामी चुनाव को लेकर गंभीर हो गई है और गांवों में अराजकता करने वाले लोगों को चिह्नित कर उनकी सूची बनाने में जुट गई है। इसके अलावा गांवों की हरगतिविधि पर नजर रखने के लिए पुलिस अपने सी-प्लान को और सक्रिय करने पर जोर दे रही है।
अपडेट करने पर अधिकारियों का जोर, अराजक तत्वों पर लगेगा लगाम
इस प्लान को और अपडेट करने पर इन दिनों अधिकारियों का जोर अधिक है, क्योंकि अब ग्राम प्रधान के साथ ही उस गांव के अन्य लोगों के भी नंबर एकत्रित किए जाएंगे जो इस बार पंचायत चुनाव में अपनी हिस्सेदारी करेंगे। पुलिस अधीक्षक डा श्रीपति मिश्र ने कहा कि सी प्लान पंचायत चुनाव में अराजक तत्वों पर लगाम लगाया जा सकेगा, इसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है।
क्या है सी-प्लान
सी-प्लान एक एप है, इस एप के एडमिन पुलिस अधीक्षक हैं, इसमें एएसपी, सीओ, थाना प्रभारी, दारोगा, सिपाही, दीवान का मोबाइल नंबर अपलोड है, इसके अलावा इस एप में जनपद के हर गांव के दस संभ्रांत लोगों के मोबाइल नंबर, नाम व अन्य जानकारियां भी दर्ज की गई है। बीट सिपाही उस एप को खोल कर अपने हल्के के संभ्रांत व्यक्तियों को फोन कर गांव की गतिविधि के बारे में जानकारी लेते हैं। इसके अलावा उपनिरीक्षक व थाना प्रभारी भी समय-समय पर एप से नंबर निकाल कर गांव के संभ्रांत लोगों को फोन कर गांव की गतिविधि पर नजर रखते हैं।
गांवों में बढ़ी सरगर्मी, आरक्षण पर निगाह
पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में सरगर्मी बढ़ गई है। प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं। आरक्षण सूची पर सभी की निगाहें लगी हैं। देवरिया में इस वर्ष 1185 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराया जाएगा। ग्राम पंचायत वार्डों की संख्या 14686 से घटकर 14615 और क्षेत्र पंचायत वार्डों की संख्या भी 1380 से घटकर 1365 हो गई है। जिला पंचायत वार्डों की संख्या यथावत 56 रहेगी। वहीं आरक्षण को लेकर अभी शासन से नीति जारी नहीं हुई है, लेकिन गांवों में आरक्षण को लेकर लोग जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। अधिकतर शिकायतें उन ग्राम पंचायतों से आ रही हैं, जो पिछले तीन या चार चुनाव से आरक्षित चली आ रही हैं। वहीं सामान्य रहने वाली ग्राम पंचायतों को आरक्षित करने की मांग उठ रही है। कई गांवों से आंकड़ों में हेरफेर की शिकायतें भी पहुंची हैं। लोगों को शक है कि जनसंख्या में हेरफेर कर उनके गांव का आरक्षण बदला जा सकता है।