कबीर महापरिनिर्वाण महोत्सव : बीजक पाठ के बाद गूंजी कबीर वाणी
संतकबीर नगर कबीर स्थली मगहर में सद्गुरु कबीर का 503 वां महापरिनिर्वाण महोत्सव मंगलवार को शुरू हुआ। तीन दिवसीय महोत्सव में पहले दिन समाधि पर ध्वजारोहण कर बीजक पाठ हुआ। महोत्सव में पूरे दिन कबीर वाणी गूंजती रही।
संतकबीर नगर : कबीर स्थली मगहर में सद्गुरु कबीर का 503 वां महापरिनिर्वाण महोत्सव मंगलवार को शुरू हुआ। तीन दिवसीय महोत्सव में पहले दिन समाधि पर ध्वजारोहण कर बीजक पाठ हुआ। आरती के बाद आध्यात्मिक सत्संग में साधु-संतों ने कबीर दास का संदेश दिया। कबीर वाणी व भजन की गूंज से वातावरण भक्तिमय बना रहा। कबीरपंथियों ने सुबह पाठ करके समाधि व मजार पर मत्था टेका।
समाधि स्थली पर आयोजित सत्संग में कबीर चौरा के महंत विचार दास ने कहा कि साहेब कबीर एक ऐसे संत हैं जिन्हें सभी धर्मों के लोग समान रूप से सम्मान देते हैं। सद्गुरु किसी जाति संप्रदाय के नहीं हैं। उन्होंने जीवनभर मानव की सेवा और उनके बीच सद्भाव को अपना धर्म माना। पुजारी शांतिदास ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। कबीर के विचार व उपदेश समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। संत राजेंद्र, संत केशवदास, संत अरविद दास शास्त्री, संत बुद्धराम, परमेश्वर, रामशरण, विनोद दास, कल्पननाथ, मनोज, दिनेश, विवेकदास, गोपाल, शिवशंकर के साथ गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, बिहार आदि स्थान के भक्त उपस्थित रहे।
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भंडारा में दिखी समरसता कसरवल स्थित मठ में कबीर धूनी पर भी बीजक पाठ व भंडारा हुआ। यहां हर वर्ग के लोगों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। समरसता प्रसाद ग्रहण करने के लिए तांता लगा रहा। यहां विभिन्न प्रांतों से आए कबीरपंथियों का उत्साह बना रहा है।
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आरती व चौका आज कबीर स्थली पर बुधवार को परिनिर्वाण दिवस मनेगा। समाधि और मजार पर पारंपरागत ढंग से गुरु पूजन व आरती होगी। चौका-आरती का कार्यक्रम करके सुख-दु:ख दोनों क्षणों में सामंजस्य रखने का संदेश दिया जाएगा। सुबह नौ से रात नौ बजे तक अनवरत भंडारा चलेगा।