नए नियम के साथ सराफा कारोबार का बाजार

भारतीय मानक ब्यूरो के निर्देशानुसार हालमार्क लगे आभूषणों की बिक्री ही सराफा व्यापारी कर सकेंगे। 31 जुलाई तक सभी कारोबारियों को चार अंकों के हालमार्क के तहत अपने स्टाक की घोषणा करनी है। पुराना स्टाक अगर कारोबारी के पास मिलता है तो कार्रवाई हो सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:15 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:15 PM (IST)
नए नियम के साथ सराफा कारोबार का बाजार
नए नियम के साथ सराफा कारोबार का बाजार

सिद्धार्थनगर : भारतीय मानक ब्यूरो के निर्देशानुसार हालमार्क लगे आभूषणों की बिक्री ही सराफा व्यापारी कर सकेंगे। 31 जुलाई तक सभी कारोबारियों को चार अंकों के हालमार्क के तहत अपने स्टाक की घोषणा करनी है। पुराना स्टाक अगर कारोबारी के पास मिलता है तो कार्रवाई हो सकती है। हालमार्क कानून 40 लाख रुपये वार्षिक टर्नओवर करने वाले व्यापारियों पर लागू होगी। जिले में ऐसे 300 से अधिक कारोबारी हैं। इन्हें अब हालमार्क के लिए रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा। 1300 से अधिक छोटे व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन तो नहीं करवाना पड़ेगा, लेकिन वह भी बिना हालमार्क के आभूषण नहीं बेच सकेंगे। नए नियम के साथ सराफा बाजार चल पड़ा है। कारोबारियों से वार्ता की गई कि इससे ग्राहकों को क्या सुविधा मिल सकेगी।

कारोबारी दुर्गेश सोनी ने कहा कि हालमार्क गोल्ड ज्वेलरी की गारंटी अब सीधे सरकार लेगी। अबतक लोग एक दुकान पर विश्वास के सहारे बंधे रहते थे। अब ऐसा नहीं होगा, कैरेट से पता चल जाएगा कि कितने मूल्य का आभूषण है। इस नियम से कोई भी दुकानदार शुद्धता को लेकर चालबाजी नहीं कर सकेगा।

अनिल सोनी का कहना है कि आभूषण पर हालमार्क लागत ग्राहकों को उठानी होगी। जिसकी लागत नाममात्र है और यह पीस के हिसाब से है न कि ज्वेलरी के वजन के अनुसार है। हालमार्किंग की लागत 35 रुपये प्रति पीस है, चाहे उसका वजन कितना भी क्यों न हो।

राजू ने बताया कि अब बिल पर ज्वैलर्स को यह लिखकर देना होगा कि आभूषण पर कितने कैरेट का मार्क है। 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट के मार्क आभूषण पर भी लगेंगे जो लेंस के मार्फत देखे भी जा सकेंगे। पहले 18 कैरेट का आभूषण देकर उसे 22 कैरेट बता देते थे, अब ऐसा नहीं होगा।

राहुल सोनी का कहना है कि

डिजिटलाइजेशन जो एचयूआईडी सिस्टम आने जा रहा है उसमें हालमार्क की लागत 100 रुपये प्रति पीस हो सकती है। अभी इस पर कुछ फाइनल नहीं है। इसमें भी ज्वेलरी का वजन का कोई मतलब नहीं है। हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए ग्राहक को सोने की शुद्धता की जो गारंटी मिलने वाली है उसके सामने यह बहुत कम लागत है।

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