गठबंधन की ओर से सपा प्रत्याशी के पक्ष में लगे बसपाई

गोरखपुर शहर में बसपा ने चुनावी रणनीति तय कर ली है। अब वह युवाओं को पार्टी के पक्ष में करने के लिए लगी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 02:30 PM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 06:19 AM (IST)
गठबंधन की ओर से सपा प्रत्याशी के पक्ष में लगे बसपाई
गठबंधन की ओर से सपा प्रत्याशी के पक्ष में लगे बसपाई

गोरखपुर, जेएनएन। गठबंधन की ओर से गोरखपुर लोकसभा सीट पर सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे रामभुआल निषाद की जीत के लिए शुक्रवार से बसपाई सघन प्रचार में जुट गए हैं। शुक्रवार को बैठक कर पार्टी के पदाधिकारियों ने पूरे लोकसभा क्षेत्र को करीब 60 जोन में बांटकर कार्यकर्ताओं को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है।

गठबंधन होने के बाद से ही सपा कार्यकर्ता बसपा प्रत्याशी के लिए जबकि बसपा कार्यकर्ता सपा प्रत्याशी के लिए समर्थन जुटा रहे हैं। बांसगांव में बूथ स्तर पर जिम्मेदारियां बांटने के बाद पार्टी के रणनीतिकारों ने गोरखपुर लोकसभा सीट पर नियोजित रूप में प्रचार अभियान की शुरुआत की है। भौगोलिक दृष्टि से कहीं तीन तो कहीं चार सेक्टर को मिलाकर एक जोन बनाया गया है। इस प्रकार एक विधानसभा क्षेत्र में 10 से 12 जोन बनाए गए हैं। पांचों विधानसभा मिलाकर करीब 60 जोन अस्तित्व में आए हैं। पार्टी के पुराने नेताओं को जोन की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें जिला प्रभारी भी शामिल हैं। बसपा के जिलाध्यक्ष घनश्याम राही के अनुसार पार्टी के कार्यकर्ता पहले से ही प्रत्याशी के पक्ष में जुटे हैं, लेकिन जोन बांट देने के बाद उन्हें एक निश्चित क्षेत्र में प्रचार की कमान संभालनी होगी। इससे कार्यकर्ता बूथ स्तर पर घर-घर पहुंचकर मतदाताओं को सपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने को तैयार कर सकेंगे। किसी भी कार्यकर्ता पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

युवाओं को सहेजने पर जोर

बसपा ऐसा राजनीतिक दल है, जिसके पास अपना कोई युवा संगठन नहीं है। लेकिन, समय के साथ युवाओं की महत्ता को देखते हुए पार्टी ने इस दिशा में गंभीरता से सोचा है। युवा संगठन तो नहीं बनाया, लेकिन हर स्तर की कार्यकारिणी में 50 फीसद युवाओं को स्थान देने का नियम जरूर बना दिया गया। अब ये युवा पदाधिकारी चुनाव में युवाओं को पार्टी से जोड़ने पर काम कर रहे हैं।

बूथ समितियां हों, सेक्टर समितियां हों या फिर विधानसभा, महानगर व जिला समितियां हर जगह युवाओं को मौका दिया गया है। पूरी कार्यकारिणी में 50 फीसद चेहरे युवा हैं। चुनाव में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में पार्टी परंपरागत वोटरों के जरिए युवा मतदाताओं में भी पकड़ मजबूत करने में जुटी है। पहली बार मतदाता बने युवाओं को भी पार्टी की नीतियों से अवगत कराया जा रहा है। एक युवा पदाधिकारी का कहना है कि युवा वर्ग की सोच सबसे अलग होती है। लगभग समान आयु वर्ग का होने के कारण हमें अपनी बात समझाने में काफी आसानी हो रही है। बूथ स्तर पर गठित समितियों में शामिल युवा चेहरे घर-घर युवा मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं। उन्हें यह बताया जा रहा है कि बसपा युवाओं के लिए काफी बेहतर विकल्प है। उनकी नौकरी की चिंता सर्वाधिक यही पार्टी करती है। बसपा के साथ ही गठबंधन की साथी सपा की ओर से किए गए कार्यो को भी गिनाया जा रहा है। पार्टी पदाधिकारियों को उम्मीद है कि युवाओं से संपर्क चुनाव में काफी फायदा पहुंचाने वाला है।

बसपा के जिलाध्यक्ष घनश्याम राही का कहना है कि पार्टी में युवाओं को काफी महत्व दिया जाता है। मुख्य कार्यकारिणी में भी 50 फीसद युवा पदाधिकारी बनाए जाते हैं। बूथ स्तर तक हमारे युवा पदाधिकारी युवा मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने मे जुटे हैं।

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